*डी० बी० कॉलेज के वाणिज्य विभाग द्वारा शिक्षक सम्मान समारोह सह परिचर्चा का आयोजन*

*सफलता के प्रथम सीढ़ी की आधारशिला है महाविद्यालय : डॉ नंद कुमार*

*डिजिटल साक्षरता और समावेशन को बढ़ावा देगी नई शिक्षा नीति: डॉ शैलेश*

🟥जयनगर, मधुबनी (बिहार)

भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद, महान दार्शनिक भारत के प्रथम उप राष्ट्रपति, द्वितीय राष्ट्रपति, भारत रत्न *डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन* जी के जन्मदिवोत्सव की स्मृति में *डी० बी० कॉलेज जयनगर के वाणिज्य विभाग* द्वारा विभागाध्यक्ष डॉ शैलेश कुमार सिंह के नेतृत्व में हर्ष और उल्लास के साथ शिक्षक दिवस पर सम्मान समारोह सह परिचर्चा का आयोजन किया गया ।
परिचर्चा का शुभारभ मुख्य अतिथि सह प्रधानाचार्य डॉ नंद कुमार, डॉ विकास कुमार सुधाकर, डॉ आनंद राज, डॉ तारकेश्वर राम ने भारत रत्न *डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन* जी के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया। तदोपरांत विभाग के शिक्षकों द्वारा मुख्य अतिथि को पाग, अंगवस्त्रम व पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया।
परिचर्चा में छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य *डॉ नंद कुमार* ने कहा कि, महाविद्यालय आपके सफलता के प्रथम सीढ़ी की आधारशिला है, इसलिए मैं चाहता हुँ कि आप सब अपने जीवन में तरक्की प्राप्त करें। पढ़ाई आपकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिये साथ ही अपने पसंद के एक कार्य में अवश्य हिस्सा भी लेना चाहिए, चाहे वह खेल हो या कला, संगीत, नाटक, चित्रकारी आदि में से ही एक क्यो ना हो आप हमेशा अपने रुचियों में हिस्सा लेने की कोशिश कीजिए। क्योंकि यह आपको एक बेहतर इंसान बनने में और जीवन में तरक्की प्राप्त करने में आपकी सहायता करेगा।
विभागाध्यक्ष *डॉ शैलेश कुमार सिंह* ने कहा कि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एन०ई०पी०) के परिणामस्वरूप 2023 में महत्वपूर्ण शैक्षिक सुधार होंगे। अगले कुछ वर्षों के दौरान एस०टी०ई०एम०-आधारित शिक्षा को बड़ा बढ़ावा मिलेगा क्योंकि कौशल-आधारित शिक्षा में तेजी आएगी। स्कूली शिक्षा के संदर्भ में, कई केंद्रित नीतिगत विकास हुए हैं जिन्हें तकनीकी सक्षम समाधानों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है, जिसका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षण विधियों तक पहुंच के संदर्भ में डिजिटल साक्षरता और समावेशन को बढ़ावा देना है।
मुझे यह बात कहते हुए काफी खुशी महसूस हो रही है कि इस महाविद्यालय के छात्र काफी समझदार, विवेकशील और शिक्षकों का काफी सम्मान करने वाले हैं।
धन्यवाद ज्ञापित करते हुए डॉ तारकेश्वर राम ने कहा कि, यदि कोई एक निवेश ऐसा है, जो सही मायने में समाज या देश का उत्थान कर सकता है, तो वह है शिक्षा। शिक्षा नागरिकों को निजी हितों से आगे बढ़कर देश और दुनिया के लिए कुछ करने का ज्ञान देती है।
इस दौरान मुख्य रूप से प्रधानाचार्य डॉ नंद कुमार, डॉ शैलेश कुमार सिंह, डॉ विकास कुमार सुधाकर, डॉ आनंद राज, डॉ तारकेश्वर राम, भूगोल विभाग के युवा शिक्षाविद् डॉ श्याम कृष्ण जी सहित राहुल कुमार, विवेक पूर्वे, हर्ष, नारायण, शिवम, प्रेम, अंजली, निहारिका इत्यादि छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।