**मुंशी प्रेमचंद की 143 वीं जयंती सह सम्मान समारोह का भव्य आयोजन*

🛑जयनगर झारखंड डी० बी० कॉलेज, जयनगर के युवा शिक्षाविद् / साहित्यकार *डॉ० शैलेश कुमार सिंह* की कृति “साझा काव्य संग्रह मेरे राम” के लिए सामाजिक साहित्यिक जागरुकता मंच, धनबाद (झारखंड) ने मुंशी प्रेमचंद की 143वीं जयंती पर *कलम श्री सम्मान* से सम्मानित किया है। डॉ सिंह के इस उपलब्धि पर महाविद्यालय के शिक्षाविदों, छात्र छात्राओं ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए शुभकामना दिया है।
इस अवसर पर ग्लोकल विश्वविद्यालय, सहारनपुर के कुलपति प्रो पी के भारती, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के वरिष्ठ शिक्षाविद् प्रो एच के सिंह, श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय गजरौला के कुलसचिव प्रो पीयूष कुमार पांडेय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के वरिष्ठ शिक्षाविद् प्रो हरे कृष्ण सिंह, युवा शिक्षाविद् डॉ जयशंकर सिंह, डॉ मो जमील हसन अंसारी, सुश्री स्मृति सिंह, सुभद्रा कुमारी सहित दर्जनों शिक्षाविदों ने डॉ सिंह के उपलब्धि पर शुभकामना संदेश प्रेषित किया है।
विद्वत है कि मंच के तत्वाधान में आधुनिक भारतीय साहित्य के जनक मुंशी प्रेमचंद जी की 143वीं जयंती के उपलक्ष्य में *राष्ट्रीय काव्य गोष्ठी -सह- सम्मान समारोह* का आयोजन माननीय क्षेत्रीय विधायक राज सिन्हा जी (धनबाद) की गरीमामई उपस्थिति में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए संस्था के संस्थापक *संजय सिंह चंदन* ने इस अवसर पर आमंत्रित सभी विद्वान साहित्यकारों मनीषियों का स्वागत व अभिनंदन किया।
मुख्य अतिथि *विधायक राज सिन्हा* और मंचासीन अतिथिगण ने माँ सरस्वती के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने के साथ द्वीप प्रज्वलीत कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि *राज सिन्हा (धनबाद, विधायक)* ने जयंती समारोह को उद्बोधित करते हुए कहा कि, “मुंशी प्रेमचंद पर व्याख्यान देना आसान काम नहीं है, उनकी रचना तो पूरा व्याख्यान माला ग्रंथ है जो सदियों तक देश को प्रेरणा देता रहेगा, उनका चिंतन आज भी प्रसांगिक है।
युवा शिक्षाविद् / साहित्यकार *डॉ शैलेश कुमार सिंह* ने आभाषी प्लेटफार्म पर उद्बोधित करते हुए कहा कि, मुंशी जी ने आधुनिक भारतीय साहित्य को अपने खून पसीने से सिंचित करने का काम किया है, उन्हे भारत रत्न मिलना ही चाहिए, उनके लिए सही मायनों में यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
कार्यक्रम मे मुख्य रूप मे झारखंड के उपन्यास सम्राट मनमोहन पाठक जी, युवा साहित्यकार डॉ शैलेश कुमार सिंह “शौर्य”, डॉ. राम अवतार सिंह, डॉ. अरविंद अंशुमान जी, रत्ना वर्मा “राज”, डॉ. कविता विकाश, डॉ. संगीता नाथ, प्रीती बाला कर्ण, शालिनी झा, पाण्डेय सरिता, कृष्ण देव यादव, रंजन श्रीवास्तव, संतोष ओझा ” प्रभाकर “, बरनवाल मनोज, उमेश तिवारी, प्रमिला श्री तिवारी जी, जीतन गोप आदि उपस्थित थे।