✍️उमानाथ यादव

🟥रायबरेली 17 सितंबर 2022
देश को वर्ष 2025 तक क्षय रोग यानि टीबी मुक्त बनागने के प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने के लिए हरसम्भव कोशिश लगातार जारी है। इसी क्रम में क्षय रोग संक्रमण को रोकने के लिए आइसोनियाजिड प्रीवेंटिव थेरेपी (आईपीटी) कार्यक्रम चलाया जा रहा है | यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीरेंद्र सिंह ने दी | उन्होंने बताया कि अभी तक पाँच वर्ष तक की आयु के उन बच्चों का उपचार इसके तहत किया जाता था जिनमें सक्रिय टीबी नहीं थी और उनको इस बिमारी से बचाव के लिए यह दवा दी जा रही थी लेकिन अब यह थेरेपी क्षय रोग से संक्रमित व्यक्तिके परिवार के सभी लोगों को भी दी जाएगी |
जिला क्षय रोग अधिकारी डा.अनुपम सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत यह थेरेपी दी जा रही है | इसके तहत टीबी संक्रमित मरीज के परिवार के सदस्यों को चाहे वह बच्चा हो या वयस्क आयु के हिसाब से छह माह तक क्षय रोग प्रतिरोधक दवाएं दी जाती हैं | संक्रमित परिवार के सदस्यों की टीबी की जांच की जाती है और यदि वह संक्रमित नहीं होता है तो उसे आईपीटी दी जाती है | इसके तहत आईएनएच (आइसोनिकोटिनिक एसिड हाईड्राजाइड) की टेबलेट दी जाती है | परिवार के सदस्यों की केस हिस्ट्री और कांटैक्ट ट्रेसिंग के आधार पर जांच और इलाज किया जाता है |
कम आयु के बच्चों में अक्सर बलगम नहीं बनता है|इसलिएबच्चे की केस हिस्ट्री और कांटैक्टट्रेसिंग के अनुसार उसका पेट से सैंपल (गेस्ट्रिक लवाज) जांच के आधार पर ही टीबी का पता लगाया जाता है
उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ शम्स रिज़वान ने बताया कि नाखून और बालों को छोड़कर टीबी शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है | यह विशेष ध्यान देने वाली बात है कि फेफड़ों की टीबी यानि पल्मोनरी टीबी ही संक्रामक होता है | इसलिए जो व्यक्ति फेफड़ों की टीबी से ग्रसित है उनके परिवार के सदस्यों को थोड़ा सावधानी बरतने की जरूरत होती है |
जिला पब्लिक प्राइवेट मिक्स समन्वय मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि टीबी मरीजों को इलाज के दौरान पोषण के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये सीधे बैंक खाते में भेजे जाते हैं |
टीबी की जांच और इलाज सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है |
क्या हैं टीबी के लक्षण ?
दो हफ्ते या उससे ज्यादा समय से खांसी आना
वजन में पिछले तीन माह से लगातार कमी आना
रात में पसीना आना
शाम के समय बुखार आना