🟥रिपोर्ट नरेश सैनी

थाना प्रभारी की मनमानी पुलिस अधीक्षक के कहने पर भी नहीं छोड़ा

सामाजिक संगठन करेंगे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का घेराव

🛑मथुरा। उत्तर प्रदेश की भाजपानीत वाली योगी आदित्यनाथ की सरकार में दलित उत्पीड़न की घटनाओं में जो वृद्धि हुई है ।

ऐसे मामलों में दलित विरोधी मानसिकता के राजनेताओं और अधिकारियों के संरक्षण के चलते पुलिस खुलेआम अत्याचार किया जा रहा है।

ऐसा ही एक मामला मथुरा जनपद के थाना जैत का प्रकाश में आया है इसमें थाना प्रभारी एक दलित व्यक्ति को एक सप्ताह से अवैध हिरासत में लेकर थाने में उत्पीड़न किया जा रहा है। पीड़ित के परिजनों के द्वारा दो बार पुलिस अधीक्षक से मिलकर अपनी समस्या से रूबरू करा दिया है।
पुलिस अधीक्षक के आदेश के बावजूद अवैध हिरासत में बैठे व्यक्ति को नहीं छोड़े जाने से सामाजिक संगठनों मैं आक्रोश व्याप्त है पुलिस और प्रशासन को आज घेराव करने की चेतावनी दी है।

जानकारी के अनुसार छीतर सिंह पुत्र
खेमी जाटव निवासी तरोली जनूबी थाना छाता जिला मथुरा ने एस एस पी को उनके कार्यालय में पेश होकर दिये, प्रार्थना पत्र में थाना प्रभारी जैत पर आरोप लगाया है उसके पुत्र बनवारी को 12 अक्टूबर से थाने में बैठा रखा है।

पीड़ित का कहना है उसकी पुत्रवधू की गैर इरादतन हत्या के मामले में झोलाछाप डॉक्टर मुकेश ठाकुर को स्पेशल न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट ने तलब किया है ।
मुकेश ठाकुर के धनबल और राजनीतिक प्रभाव के चलते थाना प्रभारी ने बनवारी लाल को जबरन गैर कानूनी तरीके से थाने में बिठाकर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न कर राजीनामा के लिए दबाब बनाया जा रहा है ।

पीड़ित का पिता दो बार पुलिस अधीक्षक से मिलकर अपने निर्दोष पुत्र को छोड़ने के लिए गुहार लगा चुका है। पुलिस अधीक्षक के द्वारा थाना प्रभारी को छोड़ने का आदेश देने के बावजूद आज तक बनवारी को नहीं छोड़ा गया है।

पुलिस की मनमानी के चलते सामाजिक संगठन अखिल भारतीय समता फाऊंडेशन ने आज पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों का घेराव करने का निर्णय लिया है । देखना है पुलिस के अधिकारी तानाशाह दरोगा थाना प्रभारी के विरुद्ध कार्रवाई कर निर्दोष को छुड़वा पाने में सफल होते हैं। यह प्रश्न समय के गर्भ में है!