🛑बस्ती 23 नवम्बर 23.

मण्डलायुक्त अखिलेश सिंह ने अल्ट्रासाउंड सेंटर, धान क्रय केंद्र, गोआश्रय स्थलों का नियमित निरीक्षण करने तथा व्यवस्था में सुधार करने का निर्देश दिया है।

सभागार में आयोजित विकास कार्याे की मासिक मण्डलीय समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि सुनिश्चित करें कि अल्ट्रासाउंड सेंटर पर जिस डॉक्टर के नाम से रजिस्ट्रेशन हो वही वहां पर बैठे और रिपोर्ट जारी करें।

उन्होंने कहा कि धान खरीद की गति धीमी है, इसमें तेजी लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों मण्डलीय अधिकारियों द्वारा गो आश्रय स्थलों का आकस्मिक निरीक्षण कराया गया था, जिसमें काफी कमियां पाई गई थी। उन्होंने निर्देश दिया है कि संबंधित एसडीएम, बीडीओ तथा पशु चिकित्सा अधिकारी को नोडल नामित करते हुए गो आश्रय स्थलों की व्यवस्था में सुधार लाया जाए |

उन्होंने कहा कि विशेष रूप से गायों के स्वास्थ्य परीक्षण एवं उनको ठंड से बचाने की कार्यवाही अमल में लाई जाए।
मंडलायुक्त ने कहा कि जांच किए गो आश्रय स्थलों में कुल 103 दुधारू गाय पाई गई हैं, इन्हें सहभागिता योजना के अंतर्गत कुपोषित बच्चों के परिवारों को दिया जाए, साथ ही उनके चारा एवं भूसा के लिए प्रतिमाह 1500 रुपए भी दिए जाएं।

जहां बाउंड्रीवॉल नहीं है वहां पर कटीले तारों से सुरक्षा प्रदान की जाए, वहां एक रजिस्टर मेनटेन किया जाए, जिसमें प्रत्येक जानवर का विवरण हो एवं उनका स्वास्थ्य परीक्षण करने वाले डॉक्टर की टिप्पणी अंकित हो।

धान खरीद की समीक्षा में उन्होंने पाया कि कुल 30743 पंजीकृत किसानो में से 14929 किसानों का सत्यापन किया जा चुका है। मंडलायुक्त ने निर्देश दिया कि किसानों के सत्यापन में कम से कम समय लगाया जाए, संपर्क रजिस्टर के अनुसार धान किसानों से फोन से वार्ता करके उन्हें धान बेचने के लिए केंद्र पर बुलाया जाए तथा केंद्र पर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए।

सुनिश्चित करें कि सभी केंद्रों पर क्रय प्रभारी उपस्थित रहे।
समीक्षा के दौरान मंडलायुक्त ने पाया कि अभी तक लक्ष्य का कुल 3.7 प्रतिशत धान ही खरीदा गया है, जिस पर उन्होंने आप प्रसन्नता व्यक्त किया।
बैठक में उन्होने सीएम-डैशबोर्ड पर नियमित रिपोर्ड अपलोड करने का निर्देश दिया है। इसके अभाव में मण्डल की स्थिति खराब हो जाती है।

उन्होने कहा कि प्रत्येक माह सीएम-डैशबोर्ड में नयी-नयी योजनाए जोड़ी जाती है, इसलिए विभागीय अधिकारी सभी योजनाओं पर नियमित कार्य करते हुए शतप्रतिशत प्रगति सुनिश्चित करें।

उन्होने कहा कि मनरेगा के अन्तर्गत अभी भी गॉव में अभिलेख,रजिस्टर मेनटेन नही मिल रहे है, इसमें सुधार किया जाय। उन्होने विद्युत आपूर्ति, प्रधानमंत्री आवास, मुख्यमंत्री आवास, स्वास्थ्य विभाग, दुग्ध, पेंशन योजनाओं, स्वच्छता मिशन, पर्यटन, सामाजिक वानीकि, अण्डा उत्पादन, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, प्रोजेक्ट अलंकार, सेतु निर्माण, विकसित भारत संकल्प यात्रा आदि की समीक्षा किया।

यूनिसेफ की मॉनिटरिंग में उन्होने पाया की आशाओं द्वारा नवजात गृह भ्रमण में मंडल में 84 प्रतिशत आशा के द्वारा भ्रमण किया गया है। यूनिसेफ के द्वारा अवगत कराया गया की सांस कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद बस्ती में प्रशिक्षण कराया जा चुका है परंतु सिद्धार्थनगर में अभी भी शतप्रतिशत नही कराया गया है। एचबीएनसी कार्यक्रम के अंतर्गत आशाओ द्वारा नवजात शिशुओं के भ्रमण में जनपद बस्ती 61 प्रतिशत, संतकबीरनगर 73 प्रतिशत एवं सिद्धार्थनगर 66 प्रतिशत पायी गई, जो की मानक से कम है।

एसएनसीयू में कम्युनिटी रेफरल जनपद सिद्धार्थनगर में 9.5 प्रतिशत है जिसको बढ़ाए जाने की आवश्कता है।
डिविजनल हेल्थ कोऑर्डिनेटर यूनिसेफ सुरेंद्र शुक्ल ने बताया कि जनपद सिद्धार्थनगर में ब्लॉक भनवापुर, इटवा, शोहरतगढ़, खेसरहा, बसंतपुर और मिठवल में स्थापित एनबीएसयू है परंतु संचालित नही किया जा रहा है।

डिलीवरी के पश्चात डिलीवरी की एंट्री मंत्रा पोर्टल पर अप्रैल से अक्टूबर तक बस्ती 95 प्रतिशत, संतकबीर नगर 94 प्रतिशत, सिद्धार्थनगर 95 प्रतिशत है। जन्म प्रमाण पत्र मंडल में 70 प्रतिशत ही मंत्रा पोर्टल के अनुसार बनाया गया है, जिसमे सुधार की आवश्कता हैं। 0 से 5 साल बच्चो की मृत्यु रिपोर्टिंग प्रतिशत जनपद सिद्धार्थनगर मात्र 15 प्रतिशत ही है।

बैठक का संचालन जेडीसी पीके शुक्ला ने किया। इसमें जिलाधिकारी बस्ती अंद्रा वामसी, संतकबीरनगर महेन्द्र सिंह तंवर, एडीएम सिद्धार्थनगर उमाकान्त, सीडीओ संत कुमार, पीडी राजेश झा, अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉक्टर नीरज कुमार पांडे, उपनिदेशक अर्थ एवं संख्या अमजद अली अंसारी, अधीक्षण अभियंता विद्युत रामदास,

बाढ के अवनीश साहू, लोक निर्माण के राजेश कुमार, नलकूप के लक्ष्मी नारायण, आरईडी के रियाज अहमद सिद्दीकी तथा विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।