✍️उमानाथ यादव10 सितंबर2022

🟥रायबरेली-शनिवार को शुरू हुए पितृपक्ष श्री भद्र मासी पूर्णिमा पर रायबरेली जिले के डलमऊ गेगासो गोकना रालपुर बादशाहपुर इत्यादि गंगा घाटो गंगा स्नान किया और अपनी पित्र जनों को हजारों श्रद्धालुओं ने पितरों को तर्पण व पिंडदान किया। इस मौके पर क्षेत्र के ऐतिहासिक गंगा घाट गोकना में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। भाद्र मास की पूर्णिमा पर गंगा स्नान के लिए दूर दराज से पहुंचे हजारों लोगों ने पतित पावनी गंगा में डुबकी लगाई और जल में खड़े होकर पितरों को पितरों को जल अर्पण किया। गंगा स्नान के लिए क्षेत्र के अलावा अमेठी, बछरावां लखनऊ उन्नाव फतेहपुर हरचंदपुर शिवगढ़ महाराजगंज नसीराबाद, जायस, छतोह, डीह, परसदे पुर, सलोन, सूची, जगतपुर, रोहनिया आदि से बड़ी संख्या में श्रद्धालु विभिन्न वाहनों से पहुंचे और गंगा स्नान तथा पूर्वजों को जल अर्पण किया।
गोकना घाट के तीर्थपुरोहित पं. जितेंद्र द्विवेदी ने बताया कि हिंदू धर्म में पितरों की आत्मिक शांति के लिए पिंडदान का विधान है। ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष में यमराज पूर्वजों की आत्माओं को भी मुक्त करते हैं, ताकि वे पृथ्वी पर अपने वंशजों के बीच कुछ समय व्यतीत कर सकें। आश्विन मास के प्रथम पक्ष पितरों को समर्पित हैं। इस दौरान पूर्वजों के निमित्त तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान, त्रिपिंडी श्राद्ध, नारायण बलि आदि उनके वंशजों द्वारा किया जाता है।
शनिवार को पितृपक्ष के प्रथम दिन हजारों लोगों ने पतित पावनी गंगा में स्नान दान कर पूजा अर्चना की। भोर से गंगा स्नान का सिलसिला शुरू हुआ जो दोपहर बाद तक अनवरत जारी रहा। इस अवसर पर तमाम श्रद्धालुओं ने तीर्थपुरोहितों के द्वारा वैदिक रीति रिवाज से अपने पूर्वजों को जल देकर तर्पण व पिंडदान किया और पितरों के मोक्ष व परिवार के कल्याण की कामना की। इस दौरान श्रद्धालुओं ने तीर्थपुरोहितों को यथाशक्ति दान दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद लिया। मां गंगा गोकर्ण जनकल्याण सेवा समिति के सचिव पं. जितेंद्र द्विवेदी ने श्रद्धालुओं से गंगा को स्वच्छ व निर्मल बनाए रखने में सहयोग की अपील की। इसके पहले पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर समिति की ओर से गंगा महाआरती व दीपदान का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। घाट व मेले में सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस बल की मौजूदगी रही।