✍️तौफ़ीक़ खान

🔴 चंदौली शौचालय सहित महिलाओं के लिए अलग सिटिंग बेंच, कॉमन रूम और काउंसलिंग रूम आदि के लिए डीएम को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया। चंदौली तहसील परिसर में महिला और ट्रांसजेंडर नागरिकों की असुविधा को देखते हुए उठाई गयी शौचालय की मांग। महिलाओं के लिए अलग सिटिंग बेंच, कॉमन रूम और काउंसलिंग रूम आदि के लिए डीएम को सम्बोधित एसडीएम अविनाश कुमार को सौंपा गया ज्ञापन पत्र।
चंदौली के तहसील परिसर में आज युवतियों के समूह परिसर में महिला वकीलों, वादकारियों के बीच लैंगिक मुद्दों पर बेहद जरुरी बिन्दुओ पर ध्यान दिलाते हुए पर्चे का वितरण किया गया और हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया, साथ ही ट्रांसजेंडर नागरिकों और महिलाओं के लिए अलग सिटिंग बेंच, कॉमन रूम और काउंसलिंग रूम आदि के लिए डीएम चंदौली को ज्ञापन पत्र सौंपा गया।दख़ल समूह की ओर से प्रतिनिधिमंडल की सदस्य डॉ इंदु पाण्डेय ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर प्रायः पाया गया है कि महिलाओं और ट्रांसजेंडर नागरिकों के लिए शौचालय, यूरिनल और प्रसाधन कक्ष आदि की व्यवस्था समुचित नही होती है।चन्दौली कचहरी एवं तहसील परिसर जहां रोज़ाना आने जाने वाले हजारों की संख्या में है। इस बड़ी संख्या में महिलाओं की काफी उपस्थिति रहती है लेकिन यहां सार्वजनिक महिला शौचालय कहीं दीखता नहीं। विभिन्न न्यायालयों, विभागों और अधिवक्ताओं की चौकी आदि पर महिला अधिवक्ता, कर्मचारी हों अथवा वादकारी उन्हें अक्सर असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है।एक अन्य सामाजिक कार्यकर्त्री रोली सिंह रघुवंशी ने बताया कि हमने देश की आधी आबादी की समस्याओं और उनकी सक्रिय सामाजिक राजनैतिक भागीदारी से सरोकार रखने वाले संगठन “दख़ल” की तरफ से जिलाधिकारी महोदय से निवेदन किया हैं कि हमारे पर्चे में उठाये गए मांगों पर गंभीरता से विचार करें और ट्रांसजेंडर नागरिकों और महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जरुरी इंतजामात को पूरा करें।इस अवसर पर बाल कल्याण समिति के सदस्य धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि हस्ताक्षर अभियान, पर्चा वितरण और ज्ञापन कार्यक्रम के माध्यम से सरकार और जनप्रतिनिधियों का ध्यान आकृष्ट कराके इस काम को प्राथमिकता पर करवाने का आग्रह किया जा रहा है। यह शुरुआत कलेक्ट्रेट परिसर से हो और फिर विभिन्न स्तर तक बात आगे बढ़े जिससे कुछ सार्थक बदलाव आये और चन्दौली कचहरी नज़ीर बने :

ज्ञापन पत्र और पर्चे में उल्लेखित मुख्य माँग इस प्रकार से हैं :-

1. कलेक्ट्रेट एवं तहसील परिसर में महिलाओं के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षित, साफ-सुथरे टॉयलेट और यूरिनल बने जहाँ की व्यवस्था महिलाकर्मियों द्वारा ही की जाय।
2. परिसर में महिलाओं के लिए कुछ कॉमन रूम हों जहाँ वे सहजता से कुछ समय विश्राम कर सकें अथवा धात्री महिलाएं बच्चे को स्तनपान करा सकें।
3. न्यायालय के सामने अथवा परिसर में महिलाओं के बैठने के लिए कुछ बेंच या कुर्सियां सुरक्षित रहें।
4. परिसर में सुलभ और सुविधाजनक स्थान पर सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन की स्थापना की जाए।
5. परिसर में महिलाओं की सुविधा के लिए की गयी व्यवस्था को प्रदर्शित करने के लिए कुछ स्थानो पर बोर्ड लगे हों।
6. ट्रांसजेंडर नागरिकों के लिए भी कचहरी परिसर में अलग शौचालय और कॉमन रूम की व्यवस्था हो।
7. महिलाओं के काउंसलिंग कमरे की अलग से व्यवस्था हो।
8. उक्त सभी व्यवस्था की देखरेख बार काउंसिल और प्रशासन की तरफ से नामित एक समिति करे जिसमें 66 % महिलाएं हों।कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ. इन्दु पांडेय,रोली सिंह,अंजू वर्मा,सौम्या सिंह,सुनीता चौधरी,वल्लभाचार्य पाण्डेय, धर्मेन्द्र सिंह,हौसला यादव,गजेंद्र इत्यादि मौजूद रहे।