🟥विनय कुमार गुप्ता

🟠*रुद्रपुर देवरिया।* जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आज रुद्रपुर तहसील स्थित विभिन्न तटबंधों का निरीक्षण कर मानसून आगमन से पूर्व बाढ़ नियंत्रण से जुड़ी परियोजनाओं का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि बाढ़ नियंत्रण से जुड़ी समस्त परियोजनाएं शासन की मंशा अनुरूप समयबद्धता एवं गुणवत्ता के साथ पूर्ण किया जाए।
जिलाधिकारी आज अपराह्न गोर्रा नदी पर बने पांडेयमाझा-जोगिया तटबंध का निरीक्षण करने पहुंचे। इस तटबंध का निर्माण 62 ग्रामों को बाढ़ से सुरक्षा हेतु 1982 में किया गया था। कालांतर में बंधे की चौड़ाई व स्लोप में मिट्टी क्षरण के कारण नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से जगह-जगह सीपेज हो रहा था। इसको नियंत्रित करने के लिए इस तरह के 0.00 किमी से 6.750 के मध्य बंदे की चौड़ाई और स्लोप को ठीक कराने के लिए मिट्टी का कार्य 121.86 लाख रुपये की लागत से किया जा रहा है। साथ ही 3 करोड रुपए की लागत से उक्त बंधे पर बिटुमिन सड़क का निर्माण भी किया जा रहा है। अधिशासी अभियंता बाढ़ नियंत्रण एनके जाडिया ने जिलाधिकारी को आश्वस्त किया कि उक्त कार्य 30 जून तक पूर्ण कर लिए जाएंगे।इस कार्य के संपादित होने के पश्चात सीपेज नियंत्रण व आवागमन की सुविधा होगी। उल्लेखनीय है कि पाण्डेयमाझा-जोगिया तटबंध को प्रदेश के सर्वाधिक 37 संवेदनशील तटबंधों की सूची में शामिल किया गया है।
इसके पश्चात जिलाधिकारी ने गोर्रा नदी के दाएं तट पर स्थित पचलड़ी तटबंध, ग्राम रतनपुर के पास किमी 2.700 से 2.950 एवं किमी 3.050 एवं 3.300 के मध्य एवं ग्राम ईश्वरपुरा के पास किमी 5.250 से किमी 5.450 के मध्य कराये जा रहे कटानरोधी कार्यों तथा किमी 1.600 से 3.300 के मध्य दौला बंध पुनर्स्थापना का कार्य का भी निरीक्षण किया। उक्त परियोजनाओं की अनुबंधित लागत 696 करोड़ रुपये है।