✍️वीरेंद्र सिंह अमेठी

🟥तिलोई/अमेठी
लगातार अमेठी में जहां किसान खाद की समस्या से जूझ रहे हैं और किसान बिना खाद की ही गेहूं की बुवाई कर रहे हैं इसी मामले को लेकर तत्काल जिलाधिकारी अमेठी राकेश कुमार मिश्रा ने अमेठी जनपद

की 24 समितियां का जांच करवाया जिसमें कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग के द्वारा जांच किया गया था जिसमें 24 समितियां में दरपी पुर, गुलालपुर ,ब्राह्मनी,निगोहा ओदारी ,जमुवारी ,टांडा थोरी, पनियार ,चंदौकी, रामबक्शगढ़

भादर,भदावं, कोटवा ,नौखेड़ा, सैम्बसी, पिंडरा ,खरैनी, जगदीशपुर ,सिंदुरवा एवं दखिन्न गांव की जांच की गई थी दखिन्न गांव एवं सिंदुरवा में पीओस मशीन एवं भौतिक उपलब्धता में अंतर पाए जाने के कारण सिंदुरवा सचिव आशुतोष श्रीवास्तव

और दक्खिन गांव सचिव जितेंद्र कुमार शुक्ला के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं बाल बाल बचे सचिव संतोष कुमार तिवारी ।
जी हां आपको बताते चलें कि पिछले कई वर्षों से संतोष कुमार तिवारी जो कि पूरे निहाल सिंह के रहने वाले हैं और इसी सैंम्बसी साधन समिति पर तैनात हैं जिसके

चलते छोटे किसानों को खाद एवं उर्वरक मिलने में काफी समस्याएं होती है जब यहां किसान खाद के लिए समिति साधन केंद्र जाते हैं तो उन्हें सचिव द्वारा वापस कर दिया जाता है कई तरह के बहाने बाजी कभी आधार तो कभी खतौनी उसके बाद जब सारे यदि कोई सारे दस्तावेज लेकर पहुंच भी जाएगा तो उसके बाद कहेंगे खाद नहीं है

जबकि खाद मौजूद रहती है इस प्रकार कुछ वर्ष महीने पूर्व में सचिव संतोष तिवारी द्वारा एक दलित किसान को खाद न मिलने कारण हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई थी वहीं पर जब मीडिया कर्मियों ने गांव में जाकर जांच किया तो पाया गया कि जो सचिव संतोष कुमार तिवारी लगभग पिछले 20 सालों से तैनात हैं इनके द्वारा जो छोटे किसान हैं दलित समुदाय के हो या फिर

सवर्ण जाति के हों छोटे किसानों को खाद नहीं मिल पाती है जिसमें गांव में पता किया गया तो दलित और सामान्य सभी समाज के लोगों ने जो छोटे गरीब किसान हैं उन्होंने बयान दिया है कि हमें इस सचिव के द्वारा खाद नहीं मिल पाती है यहां पर सिर्फ बड़े लोगों खाद दिया जाता है जिसका जितना पावर उसको उतनी डीएपी।

इस प्रकार जिलाधिकारी अमेठी आखिर क्यों है ऐसे सचिव पर मेहरबान जो कि अपने कारनामों कारण हमेशा आए दिन सुर्खियों में बने रहते हैं क्या इन पर भी होगी कार्रवाई या फिर यूं ही बिना खाद और उर्वरक के क्षेत्रीय किसान करेंगे गेहूं व अन्य फसलों की बुवाई।