मथुरा
✍️रिपोर्ट सत्येंद्र यादव

जनपद के 113 आंगनबाड़ी केन्द्र बनेंगे ’आदर्श’

जिले में कार्यरत हैं कुल 2363 आंगनबाड़ी केन्द्र

जिन केंद्रों पर मिले अति कुपोषित बच्चे उन्हें दिया गोद

🔴मथुरा। जनपद के 113 आंगनबाड़ी केंद्र को आदर्श बनाया जाएगा। जिन केंद्रों पर अति कुपोषित बच्चे पाए गए हैं उन्हें इस श्रेणी में शामिल किया गया है। इन केन्द्रों को जिम्मेदारों के जिम्मे किया गया है यानी जनप्रतिनिधि और अधिकारी इन केन्द्रों को गोद लेंगे। सांसद हेमा मालिनी ने रावल ग्राम पंचायत के मजरा पोला के दो आंगनवाडी केन्द्रों को गोद लिया है। मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने अकबरपुर, गुहेता सातविसा, ऊंचागांव के तीन आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया है। जिला पंचायत अध्यक्ष किशन सिंह ने लालपुर, मगोर्रा, नौघरा के तीन आंगनवाड़ी केंद्र गोद लिए हैं। जिला अधिकारी नवनीत सिंह चहल ने गांव भैंसा, अगनपुरा, भैंसा दो के आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया है। इसी तरह दूसरे जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने शहर और गांवों के आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया है। जनपद में कुल 2363 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं, जिनमें से 113 आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र ऐसे मिले हैं जिन पर अतिकुपोषित बच्चे पाए गए हैं। इन केंद्रों को आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इन केंद्रों में सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चे पाए गए हैं। इसके पीछे मंशा यह है इसके बाद जो कुपोषित बच्चे मिले हैं उनकी ठीक से देखभाल हो सकेगी और पोषाहार का वितरण ठीक ढंग से होगा। इसके अलावा टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं को पोषाहार वितरण के अलावा यहां पढाए जाने वाले बच्चों की ठीक से देखभाल हो सकेगी। बिल्डिंग का भी ध्यान रखा जाएगा। बिजली पानी और बच्चों के बैठने आदि जैसी सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाएगा।

तीन विभागों के बीच बांटी जिम्मेदारी
पोषाहार वितरण की जिम्मेदारी को तीन विभागों के बीच बांटा गया है। चावल जिला पूर्ति अधिकारी द्वारा राशन की दुकानों से वितरित किया जाएगा। गेहूं, दलिया, दाल और तेल सीडीपीओ के माध्यम से वितरित कराया जाएगा। पूर्व में इस तरह की शिकायतें मिली थीं कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषाहार वितरण में अनियमितता की जा रही है। पोषाहार का उठान समूह के माध्यम से होगा।

वर्जन
जनपद में दो हजार के आसपास अति कुपोषित बच्चे मिले हैं। एक ब्लॉक में औसतन 200 बच्चे अति कुपोषित हैं। जिस सेंटर पर दो तीन अथवा इससे अधिक अति कुपोषित बच्चे पाए गए हैं, उन्हें इस श्रेणी में रखा गया है और इसे गोद लेने के लिए दिया गया है।

डा. अभिनव कुमार मिश्र, जिला कार्यक्रम अधिकारी