विनय कुमार गुप्ता की रिपोर्ट
रुद्रपुर देवरिया।उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री जयप्रकाश निषाद रुद्रपुर विधानसभा क्षेत्र के साथ ही निषादों के देवरिया जनपद के सर्वमान्य नेता के रूप में तीन दशकों से पहचान बनाई है। जयप्रकाश निषाद को योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पार्टी के प्रति समर्पण और निषादों के नेता के रूप जाने जाने के चलते ही सरकार में राज्यमंत्री के पद से उन्हें नवाजा था।
आरएसएस के गतिविधियों में शामिल रहने के साथ ही संगठन को मजबूत करने में भी जयप्रकाश ने योगदान दिया।
तीन बार जिला संयोजक और दो बार जिलाध्यक्ष का दायित्व संभालकर अपने राजनीतिक कौशल का लोहा भी मनवाया।
क्षेत्र के ग्राम लक्ष्मीपुर निवासी 57 वर्षीय निषाद 2017 के चुनाव में मोदी लहर में रिकार्ड मतों से विजयी हुए हैं। भाजपा से 1989 में राममंदिर आंदोलन से जुड़े। इस दौरान उन्हें एक माह तक बस्ती में जेल की हवा खानी पड़ी। 1991 के रामलहर में भाजपा के टिकट पर निषादों और स्वर्ण वोटो के बदौलत पहली बार विधायक बने। 1993 के विधानसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन की लहर में हार गए। 1996 में एक फिर जीत का परचम लहराया। हालांकि उसके बाद 15 साल तक रुद्रपुर में भाजपा जीत से दूर रही। सातवीं बार के प्रयास में उन्हें कामयाबी मिली। जिलाध्यक्ष रहने के दौरान ही 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जनपद की तीनों संसदीय सीटों पर जीत दर्ज की। जिससे प्रभावित होकर नेतृत्व ने 10 दिसंबर 2014 को संगठन में प्रदेश मंत्री का दायित्व सौंपा। खास बात यह रही कि राजनीतिक सफर के शुरुआत से लेकर आज तक उन्होंने कभी दल नहीं बदला।
इधर निषाद आरक्षण की मांग के बीच निषाद पार्टी विधानसभा क्षेत्र में अपनी धाक जमाना चाहती है लेकिन जयप्रकाश निषाद की निषाद बाहुल्य क्षेत्रों में आज भी उतना ही पकड़ है और जयप्रकाश निषाद को चुनौती देना आसान नही होगा।