🟥वाराणसी। चिरईगांव विकास खंड में बंदरों का आंतक बढ़ता ही जा रहा है। कई गांवों के दर्जनों लोगों को बंदर काटकर घायल कर चुके हैं। हालत यह है कि राह चलते सामने अब बंदर दिख जा रहे हैं तो लोग या तो रास्ता बदल लेते हैं या भाग खड़े होते हैं। बंदरों के आंतक का आलम यह है कि वहां की सामाजिक संस्था सरकारी कार्यालयों से लेकर ग्राम पंचायतों में हस्ताक्षर अभियान चला रही है। ताकि वन विभाग के उच्चाधिकारी को पत्र देकर बंदरों को पकड़वाने की व्यवस्था की जाय। इसी बीच सोमवार को चिरईगांव के पशु चिकित्साधिकारी डा. आर ए चौधरी को ही बंदर ने काटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। वह भी उस समय जब उसका इलाज कर रहे थे।

 

पशु चिकित्सक ने पीएचसी चिरईगांव पर अपना प्राथमिक उपचार कराकर एन्टी रैबीज इंजेक्शन लगवाया। गौरतलब है कि ब्लाक कार्यालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, पशु चिकित्सालय और बालविकास परियोजना कार्यालय पर बंदरों के उत्पात से लोग परेशान हैं। अब तक तीन दर्जन से अधिक लोगों को बंदर काटकर घायल कर चुके हैं।
पशु चिकित्साधिकारी, पीएचसी प्रभारी, खण्ड विकास अधिकारी द्वारा बंदरों के आंतक से निजात दिलाने के लिए कई बार प्रभागीय वनाधिकारी को पत्र भी भेजा गया। लेकिन वन विभाग सुनवाई ही नही कर रहा है। लिहाजा लोग बंदरों से डरे हुए हैं। बंदरों ने आतंक का महौल कायम कर रखा है।