🔺गोरखपुर। नौज़वान कमेटी की ओर से शुक्रवार देर रात घोसीपुर में दीनी जलसा हुआ। क़ुरआन-ए-पाक, पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम, सहाबा किराम, अहले बैत व औलिया किराम के नक्शेक़दम पर चलने की अपील की गई।

मुख्य वक्ता मौलाना जहांगीर अहमद अज़ीज़ी ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम तौहीद व इंसानियत की दावत देता है। मुसलमान मजलूम हैं। इनकी शराफत व इंसानियत का फायदा गैर उठा कर ज़ुल्म कर रहे हैं। जब तक हम खुद नहीं बदलेंगे तब तक हमारे हालात नहीं बदलेंगे। लिहाजा हमें रोशनी के उस अज़ीम मरकज़ यानी पैग़ंबर-ए-आज़म हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की जात से ख़ुद को जोड़ना होगा। सहाबा-ए-किराम वाला दीनी जज़्बा बेदार करना होगा। क़ुरआन-ए-पाक पर मुकम्मल अमल करना होगा। इल्म हासिल करना होगा। बुराईयों से दूरी अख़्तियार करनी होगी। दूसरों के दुख दर्द में शरीक होना होगा। सुन्नत-ए-रसूल पर चलना होगा। फर्ज की वक्तों पर अदायगी करनी होगी। तब जाकर हमारा मुस्तकबिल रौशन होगा।

अध्यक्षता करते हुए मुफ्ती मो. अज़हर शम्सी (नायब क़ाज़ी) ने कहा कि जस्टिस राजेंद्र सच्चर ने मुसलमानों को आरक्षण देने की वकालत करती हुई ऐसी रिपोर्ट पेश की जिसे पढ़कर कोई भी ईमानदार शख़्स इसे लागू करवाने की हिमायत करेगा। वह सेक्यूलरीज्म का रिपोर्ट कार्ड नहीं बल्कि एक पूरी कौम को आज़ादी के बाद सरकारी नौकरियों, शैक्षणिक संस्थानों, प्राइवेट सेक्टर और दूसरे ज़रूरी आयामों से बेदखल कर देने का दस्तावेज़ था। उसमें बताया गया है कि मुसलमानों के हालात दलितों से भी बदतर हैं। सच्चर ने किसी एक भौगोलिक क्षेत्र के कुछ मुसलमानों, सवर्ण अथवा पिछड़े मुसलमानों की बात नहीं कि थी बल्कि उन्होंने उस रिपोर्ट में हर एक मुसलमान की बात लिखी थी। मुसलमानों को हर क्षेत्र में आरक्षण देकर उनको विकास के पथ पर अग्रसर किया जाना वक्त की जरूरत है।

संचालन करते हुए हाफ़िज़ रहमत अली निज़ामी ने कहा कि आपका वोट आपकी ताकत है। जरूर इस्तेमाल करें। अपने वोट की कद्रो कीमत समझें। सशक्त सरकार के चुनाव के लिए लोकतंत्र के जश्न में बढ़चढ़ कर हिस्सा लें।

क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत से जलसे का आगाज़ हुआ। नात व मनकबत पेश की गई। अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान व ओमिक्रोन से निजात की दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई। जलसे में मौलाना इसहाक, मौलाना मकबूल अहमद, हाफ़िज़ आरिफ, हाफ़िज़ अलकमा, क़ासिद रज़ा इस्माईली, मो. अफ़रोज़ क़ादरी आदि ने शिरकत की।