✍️कमल कुमार गुप्ता,

अररिया ( बिहार )
🟥नरपतगंज प्रखंड के घुरना बाजार स्थित सार्वजनिक दुर्गा मंदिर के पुजारी के नेतृत्व में गाजे बाजे के साथ एवं विधि विधान से बेल तोड़ने का रस्म अदा किया गया। इससे पूर्व षष्ठी पूजा के दिन इसी तरह गाजे-बाजे के साथ बेल के वृक्ष को न्योता दिया गया।

घुरना सार्वजनिक दुर्गा मंदिर के पुजारी हीरा झा ने बताया कि बेल के जोड़ीदार तने वाले वृक्ष को षष्ठी पूजा के दिन न्योता दिया जाता है, फिर इसी वृक्ष के बेल को सप्तमी पूजा के दिन वृक्ष से तोड़कर भगवती की पूजा की जाती है।

इस रस्म अदायगी के बाद ऐसा माना जाता है कि दसों द्वार खुल जाते हैं। इस कार्यक्रम को लेकर सुबह से हीं मंदिर कमेटी एवं पुजारी के द्वारा तैयारी की गई थी। क्षेत्र से भारी संख्या में महिला पुरुष श्रद्धालु को जुटाया गया था। घुरना दुर्गा मंदिर के पुजारी हीरा झा ने बताया कि यूं तो दुर्गा माता के सभी रूपों की पूजा मनोवांछित फल प्राप्ति करने वाला होता है किंतु कालरात्रि की पूजा अधिकतर तांत्रिक लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है।

कुछ साधक सप्तमी की रात शमशान में भी तांत्रिक विधि से पूजा करते हैं। भगवती की इस रूप की पूजा के बाद भक्तों के लिए सभी बंद दरवाजे खुल जाते हैं ऐसा माना जाता है। बेल तोड़ने के रस्म अदायगी के दौरान पंडित हीरा झा, श्यामानंद झा ,शंभू गुप्ता, बिनोद ठाकुर, प्रमोद नाहर, मुकेश साह ,सत्येन्द्र गुप्ता ,कमल गुप्ता , केशर गुप्ता, रंजीत तिवारी, जितेन्द्र शर्मा महेश साह, अनिल सोनी, सहित सैकड़ो पुरुष , महिलाएं व बच्चे मुख्य रूप से मौजूद थे।