✍️नरेश सैनी

🟥गोवर्धन (मथुरा) – निकल पड़ा हूं सेवा के पथ पर आपका आशीर्वाद चाहिए, एक ही लक्ष्य गोवर्धन का विकास जैसे अनगिनत चुनावी वादों के साथ मैदान में अपनी पत्नी को नगर पंचायत अध्यक्ष के पद पर पहुंचाने में कामयाब रहे मनीष लंबरदार ने जैसे ही चुनाव जीता वैसे ही सुर ताल बदल गए और छा गया है सिर्फ और सिर्फ घमंड और उसी के वशीभूत होकर चुनावों के दरम्यान प्रचार प्रसार सामग्री आदि लाखों रुपए की छपवाई गई थी और सूत्रों के अनुसार एक प्रिंटिंग प्रेस वाले लाला का लाखों रुपए बकाया भुगतान चल रहा है। उक्त संबंध में सूत्रों के अनुसार नगर पंचायत गोवर्धन द्वारा राजकीय मेला गुरु पूर्णिमा पर कुछ होर्डिंग्स आदि उक्त लाला जी से ही लगवाए बताए जाते हैं और लाला जी को आश्वस्त कर पूर्ण भरोसा दिला दिया गया कि राजकीय मेला गुरु पूर्णिमा पर लगने वाले होर्डिंग्स आदि के बिलों में भी चुनावी प्रचार प्रसार सामग्री इत्यादि के बकाया भुगतान सहित एक साथ सभी का बिल पास करा दिया जाएगा। उक्त प्रकरण जब निवर्तमान अधिशाषी अधिकारी गोवर्धन आलोक कुमार के संज्ञान में आया और फर्जी तरीके से बिल पास करने हेतु दवाब डाला गया और पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष गौर गोपाल मुखिया की तरह ईओ को डराया जाने लगा तो पूर्व ईओ वीरेंद्र कुमार की तर्ज पर अधिशाषी अधिकारी गोवर्धन आलोक कुमार भी अपना ट्रांसफर करा कर पतली गली से निकल गई लेकिन उक्त बिलों पर हस्ताक्षर नहीं किए गए बताए जा रहे हैं। उक्त प्रकरण से गोवर्धन क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है वहीं दूसरी तरफ गोवर्धन नगर पंचायत में सूत्रों के अनुसार आधा दर्जन चेयरमैन प्रतिनिधि हैं जिनमें से एक पत्तालकार भी है जो रात्रि में जाकर जलकुपों पर अपनी तनाशाई का रौब गालिब करते नजर आएंगे तो एक मास्टर साहिब पानी की टंकी पर अपना सुबह से ही अखाड़ा जमा लेते हैं और सूत्रों के अनुसार फरियादियों को वहीं बुला लेते हैं और हजार दो हजार रुपए प्रति दिन छाप कर घर जाते हैं। सोशल मीडिया और सूत्रों के अनुसार जिस मेहदार कुंड शमशान घाट जीर्णोदार कराने के नाम पर बकायदा आंदोलन खड़ा कर ठाकुर समुदाय को साथ लेकर चले थे अब वही चेयरमैन पति कहते बताए जाते है कि अभी उन्हें मात्र दो महीने हुए हैं अभी से इस शमशान घाट भूमि की राजनीति में मुझे मत घसीटो तो वही अंधा बांटे रेवड़ी फिर फिर घर वालों को देय वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए अपने निज निवास से सटी गिर्राज नगर कॉलोनी में खरंजा निर्माण कार्य का नारियल फोड़ शिलान्याश तो कर दिया गया लेकिन हरदेव मंदिर वाली जीर्ण शीर्ण गली का ध्यान नहीं दिया की वहां से कितने श्रद्धालु निकलते हैं और चोटिल होते हैं। सूत्रों के अनुसार अगर चेयरमैन पति द्वारा अपनी निजी रंजिश वेमनस्ता को छोड़ कर और चहेतों पर अंकुश नहीं लगाया और सर्व जन विकास को लेकर नहीं चले तो आगामी समय में सबसे फेलियर चेयरमैन साबित होंगे और गिरी गोवर्धन धाम नरकीय जीवन जीने को मजबूर होगा। जिसकी सुगुबुहाहट तेजी से फैलने लगी हुए हैं।