🟥गोरखपुर । कहा गया है कि बूंद बूंद से घड़ा भरता है और डूबते हुए को समय पर एक तिनके का सहारा जीवनदायिनी बन जाता है। ऐसा ही हृदय विदारक घटना सहजनवां तहसील क्षेत्र पाली विकास खण्ड पाली के अन्तर्गत ग्राम पंचायत भरोहिया में तीन मासूमों के सर से आखिरी सहारा कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित रसोइया माया देवी के बीती देर रात बुधवार को मृत्यु की घटना घटित हो जाने से दो लड़के एक लड़की सहित तीन मासूम बच्चे अनाथ हो गए, सभी के उम्र बारह वर्ष से कम बताया जा रहा है। बृहस्पतिवार को इस हृदय विदारक घटना को समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई खबर के माध्यम से घघसरा निवासी स्वर्गीय रामबचन सिंह के पुत्र ईं.दुर्गेश सिंह भरोहिया गांव पहुंचकर अनाथ हुए मासूमों को ढांढस बंधाते हुए बारह हजार रुपए सहायता देकर बेसहारों का सहारा बने। इस दौरान उन्होंने कहा कि जब तक मृतिका के बड़ा लड़का बालिग नहीं हो जाता है,तब तक प्रति माह एक हजार रुपए सहायता दूंगा। बताते चलें कि इन मासूम बच्चों के पिता की मृत्यु तीन वर्ष पहले तथा 9 माह पहले बड़े भाई को मृत्यु हो गई थी। समाजसेवी ईं. दुर्गेश सिंह को इस दुखद समय में अपने सर पर एक अजनबी के साया को पाकर रुआंसे मुंह से कुछ तो नहीं कह सके परन्तु गीली निगाहों से अपनी गहरी दुखों को बयां कर रहे थे।