✍️नरेश सैनी

🟥मथुरा वृंदावन -धार्मिक नगरी मे गुरू पुर्णिमा पर्व श्रध्दाभाव के साथ मनाया गया। सुबह से ही परिक्रमा मार्ग स्थित ललित कुंज पर शिष्यो ने गुरूजनो का पूजन कर प्राचीन पंरपरा का निर्वहन किया । श्री हरिदासीय पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर राधा प्रसाद देव जू महाराज ने बताया गुरू पूर्णिमा पर्व अपनी तपस्या व भाव समर्पित करने का पर्व है । भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान बहुत महत्वपूर्ण होता है।गुरु को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया जाता है। गुरु ज्ञान देते हैं और जीवन की सही दिशा बताते हैं। गुरु की महिमा और महत्व सभी तक पहुंचाने के लिए प्रति वर्ष आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के तौर पर मनाया जाता है।
ललित कुंज आश्रम के महंत मोहिनी बिहारी शरण महाराज जी ने बताया प्रातः ठाकुर श्री राधा रानी जी बिहारी जी मंगला श्रृंगार आरती के साथ रसिक शिरोमणि श्री स्वामी हरिदास महाराज जी का अभिषेक पूज्य सदगुरुदेव भगवान श्री स्वामी हरिदास पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर श्री स्वामी राधा प्रसाद देव जी महाराज जी के द्वारा करके गुरु परंपरा को निर्वाह किया गया और
गुरू की साधन से मनुष्य को अज्ञानता के अन्धकार से दूर कर ज्ञान के प्रकाश का रास्ता दिखाती है।
महाराज श्री ने बताया कि गुरु पूर्णिमा का त्यौहार अपने गुरु के प्रति आस्था और प्रेम भाव प्रकट करने का महापर्व होता है । हमारे शास्त्रों में गुरु का स्थान भगवान से भी ऊंचा रखा गया है। गुरु के दिए ज्ञान से हमें जीवन में सत्य – असत्य, धर्म अधर्म, पाप पुण्य , सही – गलत का ज्ञान मिलता है । जीवन में आगे बढ़ने के लिए सही रास्ता, सफलता और सुख शांति , गुरु के द्वारा ही दिखाये जाते हैं।
गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर आश्रम पर पधारे देश विदेश से शिष्यगण ने गुरू पूजन किया।
गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर मुकेश चंद्र डॉक्टर एसपी अग्रवाल डॉक्टर डी डी गर्ग यश मित्तल, हनी भरतपुर, आयुष , मनोज मित्तल, योगेश गर्ग , धीरज , मनीष सैनी, गौरव राहुल अग्रवाल सुमित अग्रवाल कुंज बिहारी दास मयंक सक्सेना कृष्णा आदि कई शिष्य मौके पर मौजूद रहे।