डॉ शशि कांत सुमन
मुंगेर। गर्भवती महिलाओं के लिए टीकाकरण मामले को ले इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना टीकाकरण से गर्भवती महिलाओं को हानि की जगह लाभ ज्यादा है। इसलिए प्राथमिकता के आधार पर 18 वर्ष से अधिक उम्र की सभी गर्भवती महिलाओं को कोरोना का टीका लगाना चाहिए। इससे पूर्व गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण को ले गठित राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह ने भी आवश्यक दिशा- निर्देश जारी किए थे। इसी के मद्देनजर राज्य स्वास्थ्य समिति पटना ने भी 18 साल से अधिक की सभी गर्भवती महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण सुनिश्चित कराने का निर्देश जारी किया है । ताकि कोरोना संक्रमण की संभावनाओं से माता और बच्चे को बचाया जा सके। मुंगेर में कार्यरत केयर इंडिया की डीटीओएफ डॉ. नीलू ने बताया कि कोरोना टीकाकरण किसी भी मां और उसके गर्भस्थ शिशु के बेहतर स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने भी आईसीएमआर के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। इसके बाद अब कोई भी गर्भवती महिला को-विन एप पर ऑनलाइन या ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद नजदीकी सेशन साइट पर जाकर कोरोना की वैक्सीन ले सकती हैं।

उन्होंने बताया कि वैसी गर्भवती महिलाएं जिनकी उम्र 35 साल से अधिक है और जिनका वजन अधिक है के साथ-साथ जिन्हें डायबिटीज या हाई ब्लडप्रेशर की समस्या है। उन्हें कोरोना संक्रमण की संभावना अधिक है। इसलिए अवश्य ही कोरोना की वैक्सीन ले लेनी चाहिए। इसके साथ ही यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान संक्रमण की चपेट में आकर उससे ऊबर चुकी हैं, तो वह
वैक्सीन के लिए थोड़ा इंतज़ार कर सकती हैं। लेकिन प्रसव के बाद उन्हें भी अवश्य कोरोना