🟥रिपोर्ट नरेश सैनी

छात्रों के कैडेवर है प्रथम शिक्षक, प्रथम मरीज, जिनसे होती है मेडिकल शिक्षा की शुरूआत : कुलाधिपति

🛑मथुरा। केएम विश्वविद्यालय के एमबीबीएस बैच 2023 प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं ने बुधवार को एनाटोमी विभाग में कैडेवेरिक ओथ (शव की शपथ) पर प्रायोगिक कार्य करने की पहली क्लास ज्वाइंन की। मृत शरीर पर सीखने से पहले विवि के कुलपति, कुलसचिव, मेडीकल प्राचार्य एवं एनाटॉमी विभाग के प्रोफेसरों ने स्टूडेंट्सों को कैडेवेरिक शपथ दिलाई।

 

 

 

बुधवार दोपहर विवि के कुलाधिपति किशन चौधरी ने बताया एनाटोमी विभाग के प्रोफेसरों ने आज एमबीबीएस बैच 2023 के छात्र-छात्राओं को कैडेवेरिक ओथ (शव की शपथ) पर प्रायोगिक कार्य करने की पहली क्लास ज्वाइंन कराई है, जिसमें कैडेवर ही उनके प्रथम शिक्षक हैं एवं प्रथम मरीज भी, जिनसे वे मेडिकल शिक्षा की शुरुआत करेंगे। स्टूडेंटस को कैडेवर यानी मृत शरीर से संबंधित रखरखाव की जानकारी दी गई है। छात्रों को इस दौरान कैसे एक व्यक्ति अपना शरीर बच्चों के अध्ययन के लिए दान में दे देता है, उसका महत्व भी समझाया है।
केएम विवि के एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों ने अपनी कक्षाओं की शुरूआत एनाटॉमी विभाग कैडवेरिक ओथ के जरिए की। एनाटॉमी विभाग के प्रोफेसरों ने मेडीकल के छात्रों को शव को सर्वोच्च सम्मान के साथ व्यवहार करने, शव की गोपनीयता और गोपनीयता का सम्मान करने तथा इस बलिदान से प्राप्त ज्ञान का उपयोग समाज की सेवा करने की शपथ करवाई। मृतक और उसके परिवार के इस बलिदान के प्रति आभार जताते हुए इसे साहसी कदम बताया।
इस बाबत नोडल ऑफीसर देहदान समिति एवं एसिटेंट प्रो. डा. हरि नारायण यादव ने बताया कि एमबीबीएस प्रथम वर्ष छात्र-छात्राओं को स्वैच्छिक शरीर दान और शवों को कैसे संभालना है, इसके बारे में  जानकारी दी गई। साथ ही शवों की विच्छेदित करते समय विभिन्न ऐतिहासिक उपाय से भी अवगत कराया गया है इस दौरान केडबरिक ओथ के कार्यक्रम में वि वि के कुलपति डा, डी डी गुप्ता, कुल सचिव पूरन सिंह, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर पी एन भिषे, डॉ हेमंत , डॉक्टर आशीष हरोड, डॉक्टर हरिनारायवार्डl, डॉक्टर पूजा पारेख ,टेक्नीशियन अमर सिंह ,वार्डबाय आकाश के अलावा एमबीबीएस प्रथम वर्ष के समस्त छात्र छात्राएं मौजूद रहे।