अनुज प्रताप सिंह की रिपोर्ट अमावां(रायबरेली)सासन की मनसा है कि हर किसान का धान उचित मूल्य पर सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीद हो पाये।लेकिन सासन की मनसा को राजस्व विभाग के नुमाइंदे पलीता लगाने से बाज नही आ रहे है।गौरतलब है कि किसानो को किसान होने का व उसके द्वारा कितना क्रय केंद्रों खरीद की लिमिट का सत्यापन राजस्व विभाग द्वारा किया जाता है।सरकारी क्रय केन्द्रों पर खरीद तो चालू हो गई।पर राजस्व विभाग द्वारा सत्यापन न किये जाने से किसान हलकान है।और अपनी उपज को अन्नदाता औने पौने दाम पर बाजार में बेचने को मजबूर है।इस बाबत रसूलपुर निवासी किसान राजबक्स सिंह राजेश सिंह का कहना है कि तकरीबन एक पखवारा हो गया ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन कराए हुए पर तहसील प्रशासन के द्वारा सत्यापित न किये जाने से धान की बिक्री सरकारी केंद्रों पर नही कर पा रहे है।जिससे बिचौलियों का बोलबाला रहता है।घुराडीह ग्राम प्रधान दिनेश सिंह ने बताया कि अभी क्रय केंद्रों पर खरीद हो रही है।तो सत्यापन के अभाव में हम सब बिक्री नही कर पा रहे है।गेंहू खरीद के समय भी यही हुआ क्रय केंद्रों पर बताया गया कि मार्च माह तक गेंहू की खरीद होगी।टोकन भी फरवरी माह का मिल गया।पर शासन ने 4 जनवरी को ही खरीद बंद कर दिया।जिससे हम लोगो सरकारी क्रय केंद्रों पर गेंहू नही बेच पाए।अबकी बार भी लगता है राजस्व विभाग की सुस्त रफ़्तार से हम सबकी धान की बिक्री शायद ही हो पाए।किसानों ने जिला अधिकारी से किसानों की इस समस्या निराकरण किये जाने की गुजारिश की है।