डॉ शशि कांत सुमनमुंगेर।10 दिनों से लगातार बारिश नहीं होने से धान बिचड़ा सूखने लगा है। बारिश नहीं होने के कारण एक बार फिर माताडीह पंचायत की किसान भगवान भरोसे खेती करने को विवश है। इसके लिए पंचायत के मुखिया जहां जिम्मेवार है। वहीं माताडीह पंचायत के जनता भी उतने ही दोषी है। उक्त बातें माताडीह पंचायत के पूर्व मुखिया प्रत्याशी अर्चना देवी ने कही। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव के समय जात-पात के साथ दारू मांस मदिरा के बहकावे में आकर हम गलत मुखिया चयन कर लेते है। जिसके कारण सरकार के द्वारा किसानों के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए जाने के बावजूद भी सरकारी योजनाओं का लाभ किसानों को नहीं मिल पाता है। माताडीह कई प्राकृतिक जलस्रोत है। यदि इन जलस्रोतों में पानी का प्रबंधन उचित तरीके से किया जाए तो माताडीह के किसान सिचाई सुविधा के नाम पर आत्मनिर्भर हो सकती है। अमझर पहाड़ से बड़ी नदी निकलती है। यदि इन मनरेगा योजना के तहत नदियों में जगह -जगह चेकडेम का निर्माण पानी को इकट्ठा किया जाए तो किसानों हदतक सिंचाई की समस्या से निदान मिल सकता है। इसके साथ ही गरम भुड़का से भी सालोभर पानी निकलती है। लेकिन पानी का उचित प्रबंधन नहीं होने के कारण पानी यूं ही बर्बाद होता रहता है। उन्होंने ने कहा कि जल छाजन योजना से तालाब, नदी की खुदाई के साथ ही चेकडेम निर्माण कराने की योजना है। इस योजना में माताडीह पंचायत भी शामिल है,लेकिन इस पंचायत में इस योजना का लाभ गलत मुखिया के चयन होने के कारण के कारण एक भी योजना धरातल नहीं उतर पाई। वहीं मनरेगा योजना का क्रियान्वयन सही से नहीं होने के माताडीह पंचायत में एक भी जनउपयोगी योजना का क्रियान्वयन नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि मैं मुखिया नहीं रहने के बावजूद भी पंचायत के विकास के लिए तत्पर रहती हूं। इस पंचायत चुनाव में आप सबो का स्नेह और आशीर्वाद मिला तो किसानों को सिचाई समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के तौर पर किया जाएगा। सभी नदियों में चेकडेम का निर्माण करा करके पानी को इकट्ठा किया जाएगा। इसके साथ ही बड़े पैमाने पर निजी कुंआ के साथ तालाब का निर्माण कराऊंगी।