🛑वीरेंद्र सिंह

🟣इन्हौना अमेठी ‌ किसानो का जीवन अच्छी फसल की आस में ही रहता है। खेतों में हरियाली दिखाई देने लगी है तो किसानों की नींद हराम हो गई है क्योंकि उन्हें फसलों की रक्षा बेसहारा मवेशियों से जो करना पड़ता रहा है।

ठंड के मौसम में जहां किसानों को अपने घरों में रात्रि में चैन से रहना चाहिए वहीं पर किसानों को लाठी डंडे लेकर खेत रात गुजारनी पड़ती हैं, किसानों को अपने फसलों की सुरक्षा की फ़िक्र है इसलिए खेतों में रात्रि गुजारनी पड़ती है बेसहारा पशुओं से फसल को बचाने में अपने को भूल जाना मानो इन अन्नदाताओं की नियति का हिस्सा बन गया है।

किसान द्वारा उत्पादित अन्य भरपेट छकने के बाद उन्हें गहरी नींद नहीं आती किसान आधे पेट रहकर और अपनी नींद कुर्बान कर के मचानों एवं झोपड़ी में रतजगा करने की विवश हैं। खेतों में सीजन की फसल खड़ी हुई है लेकिन इन फसलों को बचाने के लिए रात दिन कड़ी मेहनत करना पड़ रहा है।

किसानों को इस समय एक ही चिंता सताती रहती है की किसान के खेत में छुट्टा जानवर फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर रहे हैं जिसकी वजह से यहां दिन रात किसानों को खेतों में पहरा देना पड़ रहा है। अमेठी और बाराबंकी जिले की सीमा पर स्थित छुट्टा पशुओं की भरमार हो गई है जहां तमाम अवारा छुट्टा पशुओं का झुंड किसानों की फसलों को तबाह कर रहा है , अमेठी जिले के ब्लाक सिंहपुर की ग्राम पंचायत सढिया और सराय माधव के अवारा पशु बाराबंकी जिले ब्लाक हैदरगढ़ के चिरैया, बलीपुर, सराय गोपी, गजराज सिंह पुरवा, अलीपुरवा आदि गांवों के तमाम किसानों की फसलों को तबाह करने में जुटे हुए सम्बंधित ग्राम पंचायतों के किसान परेशान हैं।

वहीं सीमा वर्ती जिले के हैदरगढ़ ब्लाक के खण्ड विकास अधिकारी भी कुंभकर्ण की नींद सोते हुए नजर आ रहे हैं । बात करें सिंहपुर ब्लाक के प्रभारी खण्ड विकास अधिकारी की तों वें भी अवारा पशुओं के बिषय में कोई भी ध्यान नहीं दें रहे हैं।

छुट्टा जानवरों का ताबड़तोड़ आतंक है मवेशियों छुट्टा जानवरों के लिए शासन द्वारा कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया है जिससे किसान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो रही है। ठंडा और कोहरे के कारण किसान को अपने खेतों तक जाने में अनेकों कठिनाइयां झेलना पड़ रहा है।

सरकार द्वारा पशु आश्रय केंद्र खोले गए परंतु गांव में जो अस्थाई अनुदान आशा केंद्र बने हुए उनका भी संचालन प्रशासन के कर्मचारी द्वारा सही ढंग से सुनिश्चित नहीं किया जा रहा है उल्लेखनीय है कि ग्रामीण इलाकों में इस समय बेसहारा जानवरो की तादाद बहुत ज्यादा है।

जब इस संबंध में जब बाराबंकी के हैदरगढ़ और अमेठी के सिंहपुर ब्लाक के खंड विकास अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गांव के नागरिक ही मवेशियों को

छुट्टा छोड़ते हैं उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और सूचना मिलते ही छुट्टा मवेशियों को पड़कर गौशालाओं में भेजा जा रहा है।