मातृ भूमि का रज दाहिने हाथो मे लेकर मुट्ठी बाधकर अपनी जमीन की रक्षा का किसानो ने लिया सपथ , तथा मिट्टी का तिलक लगाकर मातृ भूमि की रक्षा का लिया प्रतिज्ञा।

न्यायपालिका पर राजनीतिक दबाव डालकर गैरकानूनी तरीके से कोर्ट बदलवाकर न्यायिक प्रक्रिया का सरकार कर रही है “चीर-हरण ” – विनय राय “मुन्ना”

बर्बर लाठीचार्ज एवं दमनात्मक कार्यवाई के दोषी अधिकारियो पर हो कठोर वैधानिक कार्रवाई हेतु होगा व्यापक अन्दोलन – गगन प्रकाश यादव

🟥रोहनिया वाराणसी। मोहनसराय ट्रान्सपोर्ट नगर क्षेत्र से प्रभावित किसानो की अति आवश्क बैठक मोहनसराय किसान संघर्ष समिति के मुख्य संरक्षक किसान नेता विनय शंकर राय “मुन्ना” की अध्यक्षता मे सुबह 8 बजे बैरवन बगीचे मे हुई । किसानो को विनय शंकर राय “मुन्ना” ने अपने मातृभूमि की रक्षा का बैरवन एवं करनाडाड़ी बगीचे मे मिट्टी हाथो मे लेकर शपथ दिलाया कि अपने जीविकोपार्जन की एक मात्र पुस्तैनी बहुफसली जमीन की रक्षा वैधानिक तरीके से अंतिम सांस तक करेगे और जमीन रक्षा करने मे प्राण त्यागना पड़ेगा तो त्याग देगे लेकिन सरकारी तंत्र के षड्यंत्र एवं दमन से जमीन जीते जी नही छोड़ेंगे।शपथ के बाद किसानो ने एक दूसरे को मिट्टी का तिलक लगाया और अपनी पुस्तैनी जमीन की रक्षा का प्रतिज्ञा लिया।
अन्दोलन की व्यापक एवं निर्णायक रणनीति हेतु 2 मई को मोहनसराय किसान संघर्ष समिति द्वारा आयोजित किसान महापंचायत को सफल बनाने के लिये उक्त योजना से प्रभावित बैरवन, करनाडाड़ी, मोहनसराय एवं मिल्कीचक चारो गांवो मे सघन जन सम्पर्क किया गया। जिसमे गौरीशंकर पटेल और उनकी पत्नी श्यामा देवी जो 16 मई से जेल मे बंद है 10 वर्ष का गोलू बच्चा और 12 वर्ष की वर्षा बिटिया अपने पापा को यादकर एवं उर्मिला देवी अपने जेल गये बेटे को यादकर फफक फफक कर रोने लगी।जिनको सम्भालते हुये विनय राय ने कहा कि आप लोगो के माता पिता समित जेल गये कुल 11 लोगो और घायल लोगो का संघर्ष भारत के किसान अंदोलन के इतिहास मे स्वर्णिम अक्षरो मे लिखा जायेगा।उनलोगो का संघर्ष और त्याग बैरवन , करनाडाड़ी , मोहनसराय एवं मिल्कीचक के आने वाली पीढ़ी की तकदीर बदलेगा नही तो वाराणसी प्रशासन तो वाराणसी के नक्से से इन गांवो का अस्तित्व मिटाने की पटकथा लिख चुका था ।
किसान नेता गगन प्रकाश यादव ने कहा कि सरकार भारत के संवैधानिक कानून के अनुसार कार्य और वार्ता करे हम तैयार है लेकिन षड्यंत्र करेगे तो इसबार वाराणसी नही पुरे देश मे मोहनसराय ट्रान्सपोर्ट नगर के समर्थन मे अन्दोलन होगा क्योकि पुरे देश के किसान नेता एवं किसानो के सरोकार से जुडने मोहनसराय के दमन से दुखित एवं आक्रोशित है , इसलिए सरकार के तंत्र को चेतावनी है कि दमन और षड्यंत्र छोड़ कानून पर बात करे, निरीई किसानो के मुकदमे की सुनवाई हाईकोर्ट के मूल बेन्च से जिसतरह बार बार परिवर्तित कराया गया और सीआरपीसी 340, एवार्ड , कब्जा मेमो एवं सहमति पत्र के साथ 80% मुआवजा के साक्ष्य को जिसतरह कोर्ट नजरअंदाज कर बहस पूर्ण कर फाईल फाईनल आर्डर मे भेज दी उससे स्पष्ट है कि कोर्ट सरकार के दबाव मे आ गयी जिसका प्रमाण है कि माननीय उच्च न्यायालय से फैसला आने से पहले विकास प्राधिकरण और ट्रासपोटर अपनी जीत की मिठाई 31 मई को बाटने लगे और जश्न का समाचार समाचार पत्रो मे भेजकर सरकार के षड्यंत्र की पोल खोल चुके है, जिससे अन्नदाता किसान आक्रोशित एवं कुण्ठित है।
बैठक, शपथ एवं जनसंपर्क मे प्रमुख रूप से छेदी पटेल, लाल बिहारी पटेल, अमलेश पटेल, मेवा पटेल, उदय पटेल, दिनेश तिवारी, हृदय नारायण उपाध्याय , प्रेम शाह, विजय गुप्ता, राधा पटेल, सुनीता पटेल, उर्मिला पटेल बिटुना देवी, मनसा देवी शकुंतला देवी, पार्वती देवी, वैजन्ती देवी, जगरानी देवी , मंजू देवी, ममता देवी, शांति देवी ,नेहा पटेल , राज कुमारी पटेल, प्रेमा पटेल, नौरंगी देवी, सीमा पटेल सहित इत्यादि किसान की सक्रिय सहभागिता रही।