✍️वकील अहमद सिद्दीकी

🟠बस्ती ,बनकटी………..लालगंज थाना क्षेत्र के बानपुर बाजार मे कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मेले का आयोजन किया गया ।हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बडी संख्या में मेला लगा। लालगंज थाना क्षेत्र के कई स्थानों पर स्नान करने वाले श्रद्धालु पहुंचे । कार्तिक पूर्णिमा को शाम तक मेला लगा रहा। जिसमें कई जगह के दुकानदार अपनी दुकानों को मेला में लगाये।श्रद्धालुओं तथा मेला में आने वालों की सुविधाओं का ध्यान रखने के साथ शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए लालगंज थानाध्यक्ष दिलीप कुमार सिंह व टीम मौजूद रही।

इसी क्रम मे कुरियार मंदिर के संत बाबा ने बताया कि कार्तिक मास में भगवान विष्णु जल में वास करते हैं। पद्मपुराण में भी यह भी बताया गया है कि भगवान विष्णु मत्स्य रूप में पवित्र नदियों और जल स्रोत में वास करते हैं। ऐसे में नदी में स्नान करने से व्यक्ति को वैकुण्ठ की प्राप्ति होती है और उसे मानसिक व शारीरिक समस्याओं से मुक्ति प्राप्त होती है। इसीलिए भक्तों ने कुरियार पोखरे में आस्था और विश्वास की डुबकी लगाकर पुण्य कमाया और अपने परिवार की खुशहाली के लिए पोेखरे की गंगा से आशीर्वाद मांगा। गंगा स्नान करने आने वालों श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा का ध्यान देने के लिए पुलिस मुस्तैद रही। इन सबके बीच भक्तों ने इस पवित्र स्नान को संपूर्ण किया। मौके पर मौजूद चौकी इंचार्ज एजाज अहमद तथा पुलिस बल उपस्थित रह कर शांति व्यवस्था बनाए रखें।
कार्तिक मास में आने वाली पूर्णिमा वर्षभर की पवित्र पूर्णमासियों में से है। इस दिन किये जाने वाले दान-पुण्य के कार्य विशेष फलदायी होते हैं। यदि इस दिन कृतिका नक्षत्र पर चंद्रमा और विशाखा नक्षत्र पर सूर्य हो तो पद्मक योग का निर्माण होता है, जो कि बेहद दुर्लभ है। वहीं अगर इस दिन कृतिका नक्षत्र पर चंद्रमा और बृहस्पति हो तो, यह महापूर्णिमा कहलाती है। इस दिन संध्याकाल में त्रिपुरोत्सव करके दीपदान करने से पुनर्जन्म का कष्ट नहीं होता है। ऐसा माना जाता है।
कई संतो ने बताया कि यह दिन बेहद खास होता है क्योंकि माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव जी ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध करके उसका संहार किया था और यह भी कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान-दान करने से पूरे माह की पूजा-पाठ करने के समान फल मिलता है। इसे गंगा स्नान के नाम से भी जना जाता है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
कार्तिक का महीना भगवान विष्णु को समर्पित है। कार्तिक पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य का अवतार धारण किया था। जिन्हें भगवान विष्णु का प्रथम अवतार भी माना जाता है। आमतौर पर इस दिन गंगा स्नान के बाद दीप दान किया जाना चाहिए। इस दीप दान को दस यज्ञों के समान माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है।