डॉ शशि कांत सुमन
मुंगेर । रेल इंजन कारखाना जमालपुर में 34 करोड़ के बैगन घोटाले के मामले से पर्दा अभी उठा ही नहीं था कि दूसरे घोटाले की बू सामने आने लगी है। एक तरफ कारखाना प्रशासन बायोमैट्रिक सिस्टम से रेल कर्मियों का हाजिरी चार टाइम बनाने के आदेश उत्पादन क्षमता बढ़ाने को लेकर लिया गया है।
वहीं दूसरी ओर डिप्टी भंडार पी मजूमदार अवैध तरीके से आधा दर्जन से ऊपर रेल कर्मियों को अपने आवास पर बुलाकर घरेलू कार्य करवा कर रेलवे राजस्व को चूना लगा रहे है जिससे भंडार विभाग के रेल कर्मचारियों में खासा नाराजगी देखी जा रही है। डिप्टी भंडार के इस मनमानी व अवैध उगाही की शिकायत लिखित एवं मौखिक रूप से रेल कर्मियों ने मुख्य कारखाना प्रबंधक सहित रेल के वरीय अधिकारियों को किया है।इधर दिए गए आवेदन में रेलकर्मी प्रदीप कुमार, रामजी रजक, महेश प्रसाद यादव, कपिल प्रसाद मंडल, प्रमोद कुमार दास, दीप नारायण मुरमुर, बुद्धदेव मंडल, गोपाल ताती, ननकू सोरेन, जमीर उद्दीन, आनंदी रविदास, जुगल हेंब्रम, बाल्मीकि यादव, मुरारी शाही सहित कई आदि ने बताया कि मुख्य कारखाना प्रबंधक के निर्देश पर बायोमेट्रिक मामले को लेकर जारी किए गए आदेश के तहत सिर्फ ड्राइवर को बायोमैट्रिक सिस्टम से दूर रखा गया है जबकि डिप्टी भंडार पी मजूमदार सीडब्ल्यूएम के आदेश की अवहेलना करते हुए आधा दर्जन से ऊपर क्रेन चालक, सीलिंगर व हेल्पर को अपने आवाज पर काम के लिए बुलाकर रुपए का अवैध उगाही कर रेलवे राजस्व को चूना लगाने हुए रेलकर्मी को बायोमेट्रिक दूर के अपने निजी स्वार्थ की पूर्ति कर रहे हैं। इतना ही नहीं अगर कोई रेलकर्मी इसका विरोध करते है तो उसका शॉप ट्रांसफर करवा देते हैं जिस कारण रेलकर्मी इसका विरोध नहीं कर पा रहे हैं। डिप्टी भंडार के इस अवैध पूर्ण कार्यप्रणाली से कारखाने के उत्पादन क्षमता पर खासा प्रभाव पर रहा है।
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