(मुंगेर, 05 दिसंबर, 2024) बच्चों के अंदर अनेक प्रकार की प्रतिभाएं छिपी रहती है। कला संगम जैसे मंच के माध्यम से बाल कलाकारों को अपनी प्रतिभा निखारने का मौका मिलता है। ये बातें राज्य स्तरीय फुटबॉल कोच एवम पुलिस विभाग, गया में कार्यरत रंजीता सिंह ने पुरानीगंज स्थित

वरिष्ठ माध्यमिक सरस्वती विद्या मंदिर, मुंगेर में आयोजित दो दिवसीय विभागीय कला संगम में उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा।

आगे उन्होंने कला की बारीकियों को समझाते हुए बताया कि किस प्रकार एकाग्र मन से अपनी अन्तर्निहित प्रतिभाओं को रंगों की सहायता से कागज पर उकेरा जा सकता है।
इसके पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि रंजीता सिंह, अध्यक्ष अमरनाथ केशरी, विभाग प्रचारक देवेंद्र कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता राकेश कुमार, जिला निरीक्षक सतीश कुमार सिंह एवम् प्रधानाचार्य संजय कुमार सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

उपस्थित महानुभावों का परिचय एवम् स्वागत करते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य संजय कुमार सिंह ने कहा कि अवसर के अभाव में छात्रों में छुपी हुई प्रतिभा विकसित नहीं हो पाती। कला संगम इस प्रकार का मंच है जो बच्चों की अन्तर्निहित प्रतिभाओं को बाहर निकालकर उसे सही दिशा देने का अवसर प्रदान करता है।

उपस्थित प्रतिभागियों का मार्गदर्शन करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक देवेंद्र कुमार ने कहा कि आज के समय में संगीत विषय काफी महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि
संगीत एक विद्या या कला ही नहीं बल्कि जीवन की लय है, संगीत मन को संवारता है। शब्दों का प्रभाव सीधा मन पर होता है। शब्द को संगीत के माध्यम से किसी के मन में उतारा जा सकता है। विद्यालय में होने वाली प्रात: वंदना भी विद्यालय का संस्कार प्रदर्शित करती है।

कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए मुंगेर के जिला निरीक्षक सतीश कुमार सिंह ने कहा कि सरस्वती विद्या मंदिर, मुंगेर में 5 से 6 जनवरी 2023 तक विभागीय कला संगम का आयोजन किया गया है जिसमें मेंहदी, रंगोली, अल्पना, मूर्तिकला एवम् रंगमंचीय जैसी विधाओं पर आधारित प्रतियोगिताएं होंगी। इसमें मुंगेर विभाग के कुल 21 सरस्वती शिशु /विद्या मंदिरों के लगभग

150 प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। इसमें मुंगेर जिले से आए बाल कलाकारों को अपनी प्रतिभा को मंच देने का मौका मिलेगा।
अध्यक्षीय आशीर्वचन देते हुए विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष अमरनाथ केशरी ने कहा कि संगीत से मानव का संपूर्ण विकास होता है। यह मानव की सभी इंद्रियों को सजग करती है। संगीत मन और आत्मा को अनुशासन में लाकर सम्यक विकास करने की क्षमता रखती है।

विशिष्ट अतिथि के रूप में मौके पर उपस्थित सामाजिक कार्यकर्ता राकेश कुमार ने छात्रों को इस मंच से एक दूसरे की कलाओं से कुछ नया सीखकर भविष्य में अपनी कला को राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुँचाने की शुभकामनाएँ दी।

मंच संचालन एवम् धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम प्रमुख काशीनाथ मिश्र ने किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपप्रधानाचार्य उज्ज्वल किशोर सिन्हा, सरस्वती शिशु मंदिर, बेकापुर के प्रधानाचार्य संतोष आनद, सरस्वती विद्या मंदिर झीलपथ, खड़गपुर के प्रधानाचार्य अजय कुमार, स्वतंत्र पत्रकार कुमार कृष्णन, रजनी रंजन, प्रियरंजन कुमार, चंद्रशेखर कुमार आदि उपस्थित थे।