✍️ बिजनौर से सुनील ठाकुर की रिपोर्ट

 

🔴बिजनौर-शुक्रवार को ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन पंजीकृत उत्तर प्रदेश के यशस्वी कलम के पुरोधा संस्थापक स्वर्गीय श्री बाबू बालेश्वर लाल जी की 35 वीं पुण्यतिथि वृहद स्तर पर ग्रामीण पत्रकारिता दिवस के रूप में बड़े श्रद्धा भाव के साथ मनाई गई। वक्ताओं ने स्वर्गीय श्री बाबू बालेश्वर लाल जी को ग्रामीण पत्रकारिता का ऐतिहासिक पुरुष बताकर उनको श्रद्धा पूर्वक नमन किया।पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत ग्रामीण पत्रकारएसोसिएशन पंजीकृत उत्तर प्रदेश इकाई जनपद बिजनौर की देखरेख और इकाई छाछरी टीप/हीमपुर दीपा के संयुक्त आयोजकत्व में किसान इंटर कॉलेज मुकरपुर गुर्जर- छाछरी टीप में संगठन के मंडल अध्यक्ष/वरिष्ट जिला महामंत्री नरेश भास्कर की अध्यक्षता एवं जिला महामंत्री जितेंद्र कुमार के सफलतापूर्वक संचालन में सर्वप्रथम सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलन एवं संगठन के संस्थापक स्वर्गीय श्री बाबू बालेश्वर लाल जी के चित्र पर पुष्पार्चन किया गया। इसके पश्चात कार्यक्रम के मुख्य अतिथि
शिक्षाविद प्रधानाचार्य कैलाश चंद श्री विदुर गुरू गृह इंटर कॉलेज विदुर कुटी दारानगर गंज बिजनौर ने सर्वप्रथम संगठन के संस्थापक स्वर्गीय श्री बाबू बालेश्वर लाल जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए और स्वर्गीय बाबूजी को ग्रामीण पत्रकारिता का मसीहा बताया। उन्होंने वर्तमान समय में पत्रकारिता की दिशा और दशा विषय पर विस्तृत चर्चा की। कहा कि वास्तव में पत्रकार की दशा तब ही अच्छी हो सकती है जब वह हाथ मंथन चिंतन करते हुए सर्वप्रथम स्वयं की पहचान करें अपने अंदर छुपी हुई पत्रकारिता को समाज और जनहित में कलम के जरिए आगे लाकर पुनीत कार्य को अंजाम दें उनका कहना था कि समाज हित में सृजनात्मक कलम का प्रयोग किया जाए तो उसकी दिशा बहुत सरल हो जाती है। उन्होंने कहा कि संगठन में शक्ति होती है। बस अपने अधिकार को पहचान कर आगे बढ़ने की आवश्यकता है। यदि पत्रकार निष्पक्ष और पूर्ण ईमानदारी के साथ पत्रकारिता करता है तो निश्चित ही शासन प्रशासन के ओहोदेदारों पर उसकी कलम का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।एसोसिएशन के मंडल अध्यक्ष /वरिष्ट जिला महामंत्री नरेश भास्कर ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में चाटुकारिता पीत पत्रकारिता से हटकर जरूरतमंद की आवाज बनकर काम करने का जोरदार आह्वान किया।एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष/मंडलीय प्रभारी डॉ० भानु प्रकाश वर्मा ने साफ तौर पर कहा कि यदि पत्रकार सर्वप्रथम स्वयं आत्ममंथन और चिंतन करके कलम की लेखनी को समाज को जोड़ने और उत्थान की ओर ले जाएं तो निश्चित ही पत्रकारिता की दिशा अच्छी हो सकती है। लेकिन पत्रकार पत्रकारिता में बढ़ते व्यवसाय के कारण वास्तविक पत्रकारिता पथ से भटक गई है। जिससे मिशनरी पत्रकारिता प्रभावित हो रही है यही कारण है कि उसकी दशा दिशाहीन होने लगी है।कार्यक्रम को किसान इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य दिग्विजय सिंह, पूर्व सेवानिवृत्त पुलिस निरीक्षक कोमल सिंह, पुनीत गोयल, डॉ० राहुल चौधरी , विक्रांत त्यागी, समाजसेवी बलवीर सिंह, डॉक्टर आलम फरीदी, यशपाल सिंह, संजय शर्मा, विनय भार्गव, शेख मोहम्मद आदिल, डॉ० नरेश पाल सिंह, विवेक गुप्ता श्री सुनील कुमार आदि ने विचार व्यक्त किए।जबकि मौजूदगी सरदार गुणवंत सिंह ,शेर सिंह, इंदर सिंह चौहान, मूलचंद चौधरी सुरेंद्र शर्मा बबलू चौहान ,फिरोज आलम, जितेंद्र कुमार ,देवेंद्र चौधरी ,स० गिरेंद्र सिंह, वीरेंद्र चौधरी ,धर्मवीर सिंह, पंकज शर्मा ,अनवर अहमद, मौलाना शाहिद ,डॉक्टर शमीम अहमद ,धर्मेंद्र भुय्यार सुनील कुमार, सुनील नारायण, परवेज दानिश मोहम्मद मन्नान नसीम अहमद, भोनेंद्र शर्मा , कमल सिंह ,शौकीन सिंह, सुनील कुमार, प्रिंस, सर्वेंद्र गुजराल , विनय भार्गव, राकेश शर्मा , कौशल शर्मा ,नीरज शर्मा ,नरेंद्र भार्गव ,ओमपाल सिंह प्रजापति , चमन भारद्वाज , अरुण उपाध्याय , इमरान अंसारी सहित लगभग 100 पत्रकारों मैं अपनी उपस्थिति दर्ज कराई l कार्यक्रम में कई पत्रकारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। मंचासीन अतिथियों का फूल मालाएं डालकर स्वागत एवं स्मृति चिन्ह सम्मानित किया।