🟥मगहर संत कबीर नगर।सदगुरु कबीर के सत्य,अहिंसा, समता एवं समरता के मानवहित के विचारों को जन जन तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।जिससे समाज भाईचारे, एकता और सद्भावना का माहौल निर्मित किया जा सके।उक्त बातें सदगुरु कबीर धाम आचार्यपीठ सागर के महंत आचार्य राम जीवन शास्त्री ने शनिवार को कबीर चौरा मगहर में स्थित नव निर्मित निर्गुण व्याख्यान कक्ष में सत्संग के दौरान अपने में सम्बोधन के कहा।

उन्होंने कहा कि जब तक हम अपने आपको नहीं पहचानेंगे तब दूसरे की भावना को नहीं समझ सकते हैं।इसी को समझने और बताने के लिए सद्भावना यात्रा की उद्देश्य है।यात्रा के दौरान संतसमागम आश्रम के दर्शन के साथ ही भजन कीर्तन सत्संग और साहित्य वितरण कर सद्भावना का वातावरण निर्मित करना है।जिससे कबीर के विचारों को लोग जाने और समाज मे व्याप्त कुरीतियों को दूर करने का प्रयास करें।उन्होंने बताया कि आचार्य पीठ कबीर धाम

 

 

सागर मध्यप्रदेश से 24 सितंबर 2023 से 300भक्तों के साथ 34 वाहनों के काफिले के साथ कबीर सद्भावना यात्रा निकाली गई।जो मउसहानियां,छतरपुर, चित्रकूट, प्रयागराज, वराणसी, से गोरखपुर के गोरखनाथ मन्दिर होते हुए शुक्रवार की देर शाम मगहर कबीर समाधि परिसर में पहुंची।उसके बाद पुनः यहां चल कर अयोध्या होते हुए भरखरी आश्रम से वापस सागर मध्यप्रदेश पहुंच कर सद्भावना यात्रा का समापन 2अक्टूबर को होगा।इस यात्रा में मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र के कबीर अनुयायी शामिल हुए।दौरान कबीर चौरा मठ मगहर के महंत विचार दास ने कहा कि कबीर के विचारों को आगे बढ़ाना ही विरासत को माना जाता है।कबीर गद्दी वाले सन्त नहीं रहे।वह हमें स्वकर्म पर विश्वास करते थे।इस को बढाने की बात कबीर करते थे।उन्होंने कहा कि कबीर साहेब ने कहा कि मुझसे प्रेरणा लेकर मनुष्य को अपना कर्म करते रहना चाहिए।जिससे वह आत्म निर्भर बन सके।इस मौके पर अर्जुन दास,आशीष ठाकुर,केशव दास,अरविंद दास शास्त्री,डा हरिशरण शास्त्री,डा हरी साहू,दयाराम कुला वाले,सोनू भाई, श्रीचंद अनाधिया,डा देवेंद्र,शान्तिदास पुजारी,रोहित दास, वैद्य रामशरन दास,आर जी ठाकुर,राघवेंद्र सिंह, सुमन पंत, मीरा साद, पुष्पा पंतशशि राजपूत, विक्की साद आदि लोग शामिल रहे।