आला हजरत वेलफेयर सोसाइटी ने शोहदा ए कर्बला की याद में शहिदे आज़म कान्फ्रेंस का किया आयोजन।

सेराज अहमद कुरैशी

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।

आला हजरत मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी की जानिब से मदरसा अरफिया नूरिया अहले सुन्नत जमुनहिया बाग निकट ट्रांसफार्मर, गोरखनाथ में शोहदा ए कर्बला की याद में
शहीदे आजम कान्फ्रेंस आयोजित हुई।
कान्फ्रेंस का आगाज़ कुरान ए पाक की तिलावत व नात ए नबी से हुई। सदारत मौलाना अल्ताफ निजामी एवं निजामत मौलाना अज़ीम अहमद नूरी ने किया।
अकीदतमंदो को सम्बोधित करते हुए मौलाना मोहम्मद अमीरुद्दीन ने कहा कि कर्बला के मैदान में जबरदस्त मुकाबला हक़ व बातिल के बीच हुआ। तीर नेजा और शमशीर के बहत्तर जख्म खाने के बाद इमाम हुसैन सज्दे में गिरे और अल्लाह का शुक्र अदा करते हुए शहीद हो गए। करीब 56 साल पांच माह पांच दिन की उम्र शरीफ मे जुमा के दिन मुहर्रम की दसवीं तारीख सन् 61 हिजरी में इमाम हुसैन ने इस दुनिया को अलविदा कहा। साहबजादगाने अहले बैत (पैगंबर-ए-आज़म के घराने वाले) में से कुल 17 हज़रात हज़रत इमाम हुसैन के हमराह हाजिर होकर रुतबा ए शहादत को पहुंचे। कुल 72 अफराद ने शहादत पायी। यजीदी फौजों ने बचें हुए लोगों पर भी बहुत जुल्म किया। हज़रत इमाम हुसैन व उनके जां निसार साथियों ने कर्बला के मैदान में अजीम कुर्बानी देकर दीन ए इस्लाम को बचा लिया।
मौलाना हारुन मिस्बाही ने कहा कि इमाम हुसैन ने अपने साथियों के साथ यजीद की कई गुना बड़ी फौज के साथ किसी मंसब, तख्तोताज़, बादशाहत, किसी इलाके को कब्जाने या धन दौलत के लिए जंग नहीं की बल्कि पैगंबर के दीन-ए-इस्लाम व इंसानियत को बचाने के लिए जंग की। शोहदा ए कर्बला ने दुनिया को सब्र व इंसानियत का अज़ीम पैग़ाम दिया। जिसे रहती दुनिया तक भुलाया नहीं जा सकता है।

न अपनी आन की खातिर, न अपनी शान की खातिर!
वह मैदां में निकल आयें फकत इमान की खातिर!!
नात ए नबी मौलाना करीम उल्लाह, अब्दुल गनी, अजीम अहमद नूरी, बुलबुले मदीना, मौलाना शाहनवाज़, कासिद इस्माईली ने पढ़ी।
शोहदा ए कर्बला का ज़िक्र सुनकर सभी अकीदतमंदो की आंखें भर आई। अंत में सलातो सलाम पढ़कर हज़रत सैयदना इमाम हुसैन के नक्शे कदम पर चलने एवं मुल्क में अमनो शांति की दुआ मांगी गई। अकीदतमंदो में कमेटी की तरफ से चाय, पानी, पेप्सी और शीरीनी बांटी गई।
शहिदे आजम कान्फ्रेंस में इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सेराज अहमद कुरैशी, उत्तर प्रदेश हज़ कमेटी के सदस्य इफ्तेखार हुसैन, डाॅ. शकील अहमद, राजू खान, असगर अंसारी, नौशाद अहमद, डाॅ. अब्दुल वासिर, अजमेर आलम, कबीर अली, मोहम्मद मुस्तकीम, सफायतुल्लाह खान, अबदुल करीम, अब्दुल कय्यूम, एहतेशाम हुसैन, फिरोज अहमद, महफूज अहमद, साजिद अली व हजारों अकीदतमंद मौजूद रहे।