🟥इन्हौना,अमेठी

जिले में मां अहोरवा भवानी का एक ऐसा प्राचीन मंदिर जहां शारदीय नवरात्रि में एक बार दर्शन मात्र से ही लोगों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। मंदिर में मां अहोरवा भवानी की प्राचीन मूर्ति स्थापित है ,जो नवरात्रि के दिनों में दिन में 3 रूपों में परिवर्तित होती हैं। सुबह के समय बाल रूप में, दोपहर के

 

समय युवावस्था के रूप में और शाम के समय वृद्धरूप में नजर आती हैं। अमेठी से 65 किलोमीटर दूर रायबरेली से इन्हौना मार्ग पर सिंहपुर ब्लाक में मां अहोरवा भवानी का मंदिर स्थापित है। जहां शारदीय नवरात्रि में एक बार दर्शन करने से हो सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और मां

 

अहोरवा भवानी भी सभी के कष्टों को हर लेती हैं। बताया जाता है कि माँ अहोरवा भवानी को मूर्ती इतनी चमत्कारिक हैं कि मां के दिव्य दर्शन और रहस्य को देखने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं। दर्शन करने वाले बताते हैं कि मंदिर में जो मां अहोरवा भवानी की प्रतिमा रखी है वह पृथ्वी से ही उत्पन्न

 

हुई है और मूर्ति का कोई भी निर्माण नहीं किया गया।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बताया जाता है कि जब 5 पांडव वनवास के दौरान यहां पर अज्ञातवास का समय बिता रहे थे तो वह पांचों पांडव इसी क्षेत्र में काफी लम्बे समय तक रुके थे। जब पांचों पांडव में से

 

एक दिन जंगल में अर्जुन शिकार के लिए निकलते है तो वहां उनको जंगलों के बीचो-बीच दिव्य स्वरूप माता के दर्शन प्राप्त हुए थे। वह दिव्य स्वरूप माता के दर्शन करके वहां से वापस लौट आए थे। जब अर्जुन ने उस मंदिर और उसमें विराज हुई माता के विषय में अपने चारों भाइयों को बताया तो सभी ने उनका दर्शन कर पूजा अर्चना की।