🔴संत कबीर नगर / धनघटा/संत कबीर नगर।
नाथनगर ब्लॉक में तैनात एडीओ कोआपरेटिव जहां अपनी ईमानदारी के लिए और निष्पक्ष जांच के लिए जाने जाते हैं वहीं ग्राम पंचायत झिंगुरापार निवासी अकरम खान ने यह आरोप लगाया है कि बीते कुछ दिनों पूर्व मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर ग्राम पंचायत झिंगुरापार के पुरवा रौजा में ग्राम प्रधान द्वारा नीर पोखरे में कराए जा रहे निर्माण में घटिया किस्म की ईंट प्रयोग करने संबंधी शिकायत की गई थी। शिकायत में इस बात का भी उल्लेख किया गया था कि उक्त नीर पोखरे पर गांव का ही एक दबंग व्यक्ति पशु शेड डालकर अतिक्रमण कर दिया है।बिना अतिक्रमण हटवाए ग्राम प्रधान अतिचारी को संरक्षण देकर निर्माण करा रहा है। इसकी जांच एडीओ कोआपरेटिव श्री अशोक कुमार वर्मा ने किया। जिन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट में इस बात का तो जिक्र किया है कि निर्माण कार्य में सोयम किस्म की घटिया ईंट प्रयुक्त की जा रही है।लेकिन वही अपनी चतुराई से ग्राम प्रधान को क्लीन चिट देने की नीयत से खुली छूट देते हुए इस बात का उल्लेख किए कि ग्राम प्रधान ने बताया कि गलती से सोयम ईंट चला आया था। जिसे वापस कराया जा रहा है ।और प्रथम श्रेणी का ईंट मंगवाया जा रहा है। एडीओ कोआपरेटिव श्री अशोक कुमार वर्मा ने ग्राम प्रधान को पूरी तरह से संरक्षित करके अपने पदीय दायित्वों का उचित निर्वहन न करके सरकार की मंशा पर पानी फेरने का काम किया है । जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में बस सख़्त हिदायत ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी को दी गई है,कहकर पल्ला झाड़ लिया गया है।
शिकायतकर्ता अकरम खान पुत्र अकबाल खान ने बताया कि उक्त जांच अधिकारी ने झूठी रिपोर्ट लगाकर ग्राम प्रधान को क्लीन चिट देने का काम किया है।इस निस्तारण से शिकायत कर्ता संतुष्ट नहीं है।उसका कहना है कि जब ईंट सोयम थी तो उक्त ईट को तुरंत क्यों नहीं वापस कराया गया? जब शिकायत की गई और आधे से अधिक गीत लगाया जा चुका तो फिर ग्राम प्रधान के कह देने से वापस कराया जा रहा है क्या यह मान लिया जाए की ग्राम प्रधान और जांच अधिकारी बड़े ही ईमानदार निकले।ईंट अभी वही प्रयुक्त की जा रही है। लेकिन रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सिर्फ गुमराह करने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
जांच अधिकारी और कर ही क्या सकते थे? बेचारे असहाय मजबूर साहब ग्राम प्रधान के आगे कर ही क्या सकते?जहां एक ओर रसूखदार और पहुंच वाले ग्राम प्रधान के द्वारा घूम घूम कर अपनी पहुंच का राग अलापा जा रहा है। वहीं दूसरी ओर जांच अधिकारी भी अपने आप को ग्राम प्रधान के समक्ष सरेंडर करके यह साबित करना चाह रहे हैं कि लूटो और लूटने दो।
नाथनगर ब्लाक के अधिकारियों को तो बस एक ही रिपोर्ट लगाने की ट्रेनिंग मिली हुई है कि शिकायत कर्ताओं को गुमराह किया जाए। और प्रत्येक शिकायतकर्ता को शिकायत करने का आदती बना दिया जाए एवं शिकायत को झूठा और निराधार करके भ्रष्ट ग्राम प्रधान को क्लीन चिट दे दिया जाए। भले ही शिकायत कर्ताओं द्वारा घोटाले से संबंधित सभी साक्ष्य भेजे गए हों। इसके बावजूद इन लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार की ऐसे घोटाले बाजों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि 399000रूपये की लागत से रिटर्निंग वाल निर्माण कराया जा रहा है। मानकविहीन निर्माण को ठीक ठाक मानकर सरकारी धन को पलीता लगाया जा रहा है। शिकायतकर्ता अकरम खान ने उक्त घोटाले की जांच तहसील धनघटा में तैनात लेखपाल श्री विवेकानंद पांडेय से कराने के लिए जिला अधिकारी महोदया से सिफारिश किया है।