🟥बस्ती, 7 अक्टूबर 2022। एडिमा से गंभीर रुप से ग्रसित पांच साल की पायल पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में हुए इलाज के बाद अब पूरी तरह स्वस्थ हो चुकी है। सिद्धार्थनगर जिले के मिठवल ब्लॉक के तिलौला गांव की रहने वाली पायल की हालत गंभीर होने पर पिता गौरी शंकर ने जिला अस्पताल बस्ती के एनआरसी वार्ड में भर्ती कराया था। यहां पर बच्ची के इलाज के साथ ही उसके पोषण पर ध्यान दिया गया। अब वह पूरी तरह स्वस्थ है और सामान्य बच्चों की तरह जीवन गुजार रही है। पिता गौरी शंकर चिकित्सक की सलाह पर पिछले दिनों बेटी को दूसरी बार फॉलोअप के लिए एनआरसी लेकर आए थे। फॉलो अप में भी स्वास्थ्य में सुधार पाया गया।
पायल का इलाज करने वाले चिकित्सक वरिष्ठ बालरोग विशेषज्ञ डॉ. सरफराज खान ने बताया कि बच्ची कुपोषण का शिकार थी। कुपोषण के कारण वह एडिमा (नॉन पैथॉलोजिकल) का शिकार हो गई। इस रोग में रोगी का पैर व शरीर का अन्य अंग फूलने लगता है। लापरवाही होने पर मौत तक की आशंका होती है। 14 जुलाई को मरीज को अस्पताल लाया गया था, उसके पैर के साथ पूरा शरीर फूला हुआ था। हालत ठीक नहीं थी। उस समय उसका वजन 10 किलोग्राम था। उसका इलाज शुरू किया गया और वह सेहतमंद होने लगी।
डॉयटीशियन रेनू पांडेय ने बताया कि मरीज को डॉयट चार्ट के अनुसार पोषक तत्वों से भरपूर भोजन दिया गया। सूजन के कारण बढ़ा वजन इलाज के बाद धीरे-धीरे सामान्य कम होने लगा तथा पैर व हाथ की सूजन समाप्त होने लगी। वजन घटकर 7.400 किलोग्राम पर आ गया। इसके बाद एक सेहतमंद बच्चे की तरह इसका वजन बढ़कर 7.800 किलोग्राम हो गया, तब उसे सात अगस्त को डिस्चार्ज किया गया। दूसरी बार तीन अक्टूबर को फॉलोअप के लिए बुलाया गया था, चिकित्सक की जांच में बच्ची पूरी तरह ठीक है।

तीन माह से बच्ची की तबीयत चल रही थी खराब
गौरीशंकर ने बताया कि बच्ची की तबीयत तीन माह से खराब चल रही थी। उस समय ध्यान नहीं दिया। ज्यादा हालत खराब होने पर तिलौली में सरकारी अस्पताल में दिखाया तो चिकित्सक ने जिला अस्पताल नौगढ़ ले जाने की सलाह दी। वहां न जाकर जिला अस्पताल बस्ती ले आए। चिकित्सक ने जांच के बाद बच्चों वाले वार्ड में भर्ती करा दिया। वहां पर दवा व खाना सब नि:शुल्क मिला। कुछ दिन में सुधार दिखने लगा था। चिकित्सक ने जितने दिन रूकने को कहा रुक कर इलाज कराया, नतीजा यह रहा की बेटी अब ठीक हो गई है।