डीलर की मनमानी से परेशान हाल है खुदरा खाद विक्रेता

✍️रंजीत कुमार विधार्थी

🟪मुंगेर : जिले के जमालपुर प्रखंड कृषि पदाधिकारी विनय कुमार की अध्यक्षता में खुदरा खाद विक्रेताओं की समस्याओं से संबंधित प्रखंड व उर्वरक निगरानी समिति जमालपुर की बैठक सफियासराय कृषि केंद्र में आयोजित की गई। बैठक में कुल 10 प्रस्ताव पारित किए गए । बैठक आरंभ होते ही सर्व प्रथम उपस्थित सदस्यों का कृषि पदाधिकारी के द्वारा स्वागत किया गया। बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि उर्वरक की बिक्री जीरो टॉलरेंस नीति के तहत की जाए। उपस्थित सदस्यों द्वारा बताया गया कि थोक विक्रेता उर्वरक नहीं देते हैं। उर्वरक के साथ जबरदस्ती यूरिया, जिंक, कैल्शियम, सल्फर आदि टैग कर दे रही है। इसका मूल काफी अधिक रहता है । किसान लेना नहीं चाहते । खुदरा विक्रेता का पूंजी फस जाता है। जिला कृषि पदाधिकारी को इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई करने की जरूरत है। प्रखंड अध्यक्ष जदयू मुनीलाल मंडल द्वारा बताया गया कि थोक विक्रेता द्वारा जबरदस्ती उत्पाद देना उपभोक्ता संरक्षण कानून के खिलाफ है तथा उत्पादन नहीं देने पर उर्वरक नहीं देंगे। यह ब्लैकमेल है अपराध है। उपस्थित सदस्यों द्वारा बताया गया कि जमालपुर के किसानों का जमीन बरियारपुर, धरहरा तथा सदर प्रखंड में अधिक है, इसलिए जमालपुर प्रखंड का आवंटन बढ़ाने की अनुशंसा जिला कृषि पदाधिकारी करनी चाहिए। इसके अलावा दुकान समय पर खोलेंगे तथा पास में ही करेंगे। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जमालपुर प्रखंड के किसान को आवश्यकता अनुसार सदर प्रखंड के बिस्कोमान एवं अन्य विक्रेता के द्वारा भी उर्वरक दिया जाएगा। जिन उर्वरक प्रतिष्ठान पर उर्वरक प्राप्त होता है वह सूचित करें ताकि भौतिक सत्यापन किया जा सके। सभी खुदरा विक्रेता अपने दुकान पर निरीक्षण पंजी रखेंगे तथा जिसमें निरीक्षण करने वाले पदाधिकारी अपना पद नाम निरीक्षण की तिथि एवं निरीक्षण का विवरण अंकित करेंगे। निरीक्षण पंजी पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले पदाधिकारी की सूचना प्रखंड कृषि पदाधिकारी को उपलब्ध कराएंगे। सभी प्रखंड उर्वरक विक्रेता को अपने प्रतिष्ठान पर सूचना बोर्ड लगाना अनिवार्य है एवं सूचना बोर्ड पर प्रत्येक दिन पूर्वक की उपलब्धता निर्धारित बिक्री मूल्य अंकित करने का निर्देश दिया गया है। बताते चलें कि उर्वरक थोक विक्रेता द्वारा खुदरा विक्रेता को पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं दिया जाता है और डीलर के द्वारा मनमानी की जाती है। जिस कारण खाद के खुदरा विक्रेता को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं डीलर के द्वारा खाद के सरकारी मूल्य से अधिक मूल्य पर खाद के खुदरा विक्रेता को दिया जाता है जिस कारण खुदरा विक्रेता बेचने को तैयार नहीं होते हैं।
प्रखंड कृषि पदाधिकारी विनय कुमार के अध्यक्षता में यह निर्णय लिया गया है की खुदरा विक्रेता को होलसेलर के द्वारा एफोआर रेट पर यूरिया डीएपी पहुंचाना चाहिए ।
जिससे खुदरा विक्रेताओं को किसानों को उचित रेट में खाद उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। बिहार सरकार का आदेश है कि किसी भी कंपनी के यूरिया व डीएपी के साथ किसी भी तरह का टैगिंग नहीं करना है। जैसे जिंक ज्वाइन सल्फर नैनो यूरिया नैनो डीएपी। बैठक में छोटू कुमार सिंह सहित कई कुदरा खाद विक्रेता मौजूद थे।