रोहनिया/ बुधवार को वाराणसी में कई स्थानों पर ईवीएम और वीवीपैट के प्रयोग को लेकर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।ब्लाक कर्मियों तथा आईटीआई कर्मियों ने लोगों को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के माध्यम से पड़ने वाले वोटों के तौर तरीकों को सिखाया।तहसील राजातालाब परिसर में बुधवार को आराजी लाइन विकास खण्ड के सफाई कर्मी संघ के अध्यक्ष बुच्चन राम के नेतृत्व में ब्लाक कर्मियों ने इवीएम को वीवीपैट के साथ जोड़कर वोट डालने की जानकारी लोगों को दी।ट्रेनर कमलकांत सिंह ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के बैलेट यूनिट और वीवीपैट यूनिट को जोड़कर नमूने का मत डालकर दिखाया।बताया कि पसंदीदा उम्मीदवार के आगे नीला बटन दबाते ही वोट पड़ जाएगा।ईवीएम में एक ओर प्रत्याशी का नाम,चिह्न तथा सामने बटन दिखेगा।कहा कि पूर्वाभ्यास के जरिये नए मतदाताओं को मतदान संबंधी जानकारी दी जा रही है।लोगों ने भी नमूना वोट डालकर वोटिंग करने का तरीका सीखा।क्या है वीवीपैट यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और कागज की पर्चीवोटर वेरीफ़ाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल यानी वीवीपैट (वीवीपीएट) व्यवस्था के तहत वोटर डालने के तुरंत बाद काग़ज़ की एक पर्ची बनती है।इस पर जिस उम्मीदवार को वोट दिया गया है, उनका नाम और चुनाव चिह्न छपा होता है।यह व्यवस्था इसलिए है कि किसी तरह का विवाद होने पर ईवीएम में पड़े वोट के साथ पर्ची का मिलान किया जा सके*

*काग़ज़ की पर्ची*

*ईवीएम में लगे शीशे के एक स्क्रीन पर यह पर्ची सात सेकंड तक दिखती है।भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड ने यह मशीन 2013 में डिज़ायन की।सबसे पहले इसका इस्तेमाल नागालैंड के चुनाव में 2013 में हुआ.इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट मशीन बनाने और इसके लिए पैसे मुहैया कराने के आदेश केंद्र सरकार को दिए।तहसील राजातालाब पर तीन दिसम्बर से चल रहे जागरूकता कार्यक्रम में बुधवार तक कुल तीन सौ लोगो ने मतदान करने की जानकारी ली जिसमे प्रमुख रूप से रविशंकर,अनिल पटेल,रविन्द्र,जुम्मन,सरस्वती, विकास श्रीवास्तव,मोहित पाण्डेय इत्यादि लोग रहे।