(डॉ शशि कांत सुमन)

पटना। केंद्रीय इस्पात मंत्री व जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने कहा है( कि विशेष इस्पात (स्पेशियलिटी स्टील) के उत्पादन में भारत आत्मनिर्भर बनेगा। इस क्षेत्र में प्रगति कर कोरिया और जापान जैसे उन्नत इस्पात निर्माणकारी देशों के समकक्ष भारत खड़ा होगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में विशेष इस्पात के लिए उत्पादन-सम्बद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी गई। इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह ने कहा है कि यह योजना वर्ष 2023-24 से वर्ष 2027-28 तक के लिए होगी। 6322 करोड़ रुपए की इस योजना से 40 हजार करोड़ रुपए के निवेश होने और विशेष इस्पात में 250 लाख टन क्षमता की बढ़ोतरी की उम्मीद है। साथ ही इस योजना से करीब 5.25 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। इनमें 68 हजार को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस्पात क्षेत्र के लिए सरकार की ओर से यह बहुत ही सामयिक, साहसिक एवं ऐतिहासिक निर्णय है। इससे न सिर्फ उत्पादन बढ़ेगा बल्कि पूंजी निवेश भी होगा। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे वर्ष 2026-27 तक देश में 420 लाख टन विशेष इस्पात का उत्पादन होगा, जिसका मूल्य 2.5 लाख करोड़ होगा। अभी देश में विशेष इस्पात का उत्पादन केवल 180 लाख टन है। उन्होंने कहा कि इससे निर्यात में भी बढ़ोतरी होगी और करीब 33 हजार करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा प्राप्त होगी। उन्होंने बताया कि विशेष इस्पात मूल्यवर्धित इस्पात है, जिसमें सामान्य तैयार इस्पात को उच्च मूल्यवर्धित इस्पात में परिवर्तित करने के लिए उसपर कोटिंग, प्लेटिंग, हीट ट्रीटमेंट के जरिये प्रभाव डाला जाता है। इसका प्रयोग ऑटोमोबाइल क्षेत्र, विशेषीकृत कैपिटल गुड्स इत्यादि के अलावा रक्षा, अंतरिक्ष, ऊर्जा आदि क्षेत्रों में किया जा सकता है। पीएलआई योजना में विशेष इस्पात की पांच श्रेणियों को चुना गया है। इनमें कोटेड,प्लेटेड इस्पात उत्पाद, हाई स्ट्रेंथ, वियर रेजिस्टेंट स्टील, स्पेशियिलटी रेल, अलॉय स्टील उत्पाद और स्टील वॉयर और इलेक्ट्रिकल स्टील शामिल हैं।