टीबी मरीजों को गोद लेकर सम्बल प्रदान कर रहे हैं निक्षय मित्र
– गोद लेने के लिए आगे आ रहे हैं , एनजीओ, अधिकारी व समाजसेवी

🟥बस्ती, 16 नवम्बर 2022
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम में निक्षय मित्र मददगार बन रहे हैं। टीबी मरीजों को जहां अस्पताल से निःशुल्क दवा मिल रही है, वहीं निक्षय मित्र जरूरतमंद मरीजों को गोद लेकर उन्हें मानसिक सम्बल प्रदान कर रहे हैं। अब तक जिले में गोद लिए गए 1226 मरीज पूरी तरह सेहतमंद हो चुके हैं। वर्तमान में गोद लिए हुए 1675 मरीजों का इलाज के साथ-साथ निक्षय मित्र ख्याल रख रहे हैं। टीबी मरीजों की दवा का ख्याल रखने के साथ ही वह उनका हौसला भी बढ़ा रहे हैं। हर माह निक्षय मित्र पोषणयुक्त खाद्य सामग्री भी मरीज को मुहैया करा रहे हैं।
शहर से सटे खीरीघाट में रहने वाली 11 साल की लड़की को रोटरी क्लब सेंट्रल ने गोद लिया। लड़की के पिता ने बताया कि रेहड़ी चलाकर परिवार का गुजर-बसर होता है। बुखार व खांसी की समस्या होने पर बेटी की जांच टीबी अस्पताल में कराई तो तीन मई 2022 को उसे फेफड़े की टीबी निकली। इसके बाद वहीं से दवा शुरू हुई। रोटरी क्लब के लोगों ने दवा समय से खिलाने के लिए प्रेरित किया व समय-समय पर बेटी को पौष्टिक आहार भी मुहैया कराया। उन लोगों ने हमेंशा हिम्मत बंधाई। 17 अक्टूबर 2022 को हुई जांच में रिपोर्ट निगेटिव मिली। बेटी अब पूरी तरह ठीक है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एके मिश्रा ने बताया कि वर्तमान में 15 एनजीओ, प्रशासन के 1166 अधिकारी व कर्मी, चिकित्सक और विद्यालय संचालक टीबी मरीज को गोद लेने की योजना से जुड़े हुए हैं। उन्होंने लोगों से अपील किया कि समाज का हर वर्ग इस नेक काम में आगे आकर कम से कम एक मरीज को गोद लेकर देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त कराने की मुहिम में भागीदार बनें।

हर माह मुहैया करानी होती है यह खाद्य सामग्री

भोजन का प्रकार वयस्क बच्चा
अनाज, ज्वार/बाजरा तीन किलो दो किलो
दाल 1.5 किलो एक किलो
वनस्पति तेल 250 ग्राम 150 ग्राम
दूध पाउडर एक किलो 750 ग्राम

नॉनवेज वाले मरीज को हर माह 30 अंडा भी देने का प्रावधान है

सीडीओ ने पत्नी संग मरीज के साथ घंटों गुजारे
सीडीओ डॉ. राजेश कुमार प्रजापति ने दो टीबी मरीज को गोद लिया है। वह पत्नी डॉ. श्रेया संग इन मरीजों के घर पहुंचे और वहां पर घंटों गुजारे। दोनों परिवारों के लिए यह पल काफी भावनात्मक रहा।
सबसे पहले वह शहर के पिकौरा दत्तूराय मोहल्ले में डेढ़ साल के मरीज के घर पहुंचे। उसे हड्डी की टीबी है। पिता की छोटी दुकान है। बच्चे से पति-पत्नी मिले और परिवार को भरोसा दिलाया कि इलाज में किसी तरह की कमी नहीं रहने पाएगी।
मंगल बाजार पुरानी बस्ती में रहने वाले 16 साल के मरीज को फेफड़े की टीबी से शुरूआत हुई और अब वह बिस्तर पर है। पिता के न होने से परिवार की आर्थिक हालत भी ठीक नहीं है। उनके घर पहुंचे सीडीओ के साथ टीबी क्लीनिक का स्टॉफ भी मौजूद था। सीडीओ ने तत्काल मरीज के घर चिकित्सक को भेज कर जांच कराने व इलाज से सम्बंधित सभी सुविधा मुहैया कराने का निर्देश दिया। परिवार से कहा कि हम सब आप के साथ हैं।