आकाश चौरसिया ने राष्ट्रीय बेबीनार में दिया,टिप्स

🛑रुद्रपुर, देवरिया
विष मुक्त, प्राकृतिक, जैविक खेती को गौ से जोड़ कर पर्याप्त लाभ अर्जित करने के साथ जीव , चाहे मानव हो या पशु उसे स्वस्थ्य जीवन जीने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते है,हमारे अन्नदाता किसान,,,उक्त बातें भारत वर्ष के सैकड़ों किसानों से बेबीनार के माध्यम से चर्चा करते हुए सागर मध्यप्रदेश के आकाश चौरसिया ने कहा।
उन्होंने बताया कि भारतीय नस्ल की देसी गाय के पालन के साथ उससे प्राप्त गोबर, गो मूत्र व इससे उत्पादित विभिन्न प्रकार के खाद, कीट नाशक आदि का उपयोग कर,रासायनिक खादों का विकल्प न्यूनतम ब्यय कर, अपने शारीरिक श्रम कर के भूमि व फसल को स्वस्थ्य, विषमुक्त रखते हुए हम अच्छी खेती कर, पर्याप्त उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
आकाश चौरसिया ने बड़े ही प्रभावशाली ढंग से किसानों को यूरिया,फास्फोरस, डी ए पी, पोटाश , सूक्ष्म पोषक तत्व, मिनरल्स अपने स्वयं द्वारा बना कर, पैसा बचत करने के साथ, अच्छा विष मुक्त व गुणवत्ता पूर्ण उत्पादन, प्राप्त कर सकते है।
उन्होंने कृषि कार्य मे जानकारी के साथ प्रबंधन की कला को अपनाने पर जोर देते हुए बताया कि हम आलू खेत मे लगाते हैं और आलू खुदाई करते समय उसके फसल अवशेष के उचित प्रबंधन के अभाव में उससे प्राप्त प्रचुर नाइट्रोजन का उपभोग नही कर पाते।
उन्होंने कहा वर्षा के साथ नाईट्रोजन भी धरती पर गिरता है,परन्तु प्रबंधन के अभाव में ढेर सारा नाईट्रोजन बह जाता है।
उन्होंने किसानों को सूक्ष्म पोषक तत्व की प्राप्ति हेतु बताया कि 20 किलो देसी गाय का गोबर,20 लीटर शुद्ध देसी गाय का गोमूत्र, 2 किलो गुड़, 2 किलो उड़द दाल का आटा और 2 किलो सरसो की खली को लोहे के बर्तन को छोड़ कर किसी पात्र में रख के, पुरानी सूती धोती या साड़ी के टुकड़े से बरतन का मुंह बांध कर छाए में 5 दिन के लिए रख दीजिए, 5 दिन बाद लकड़ी से क्लॉक व एंटी क्लॉक दिन भर में दो बार घुमा दीजिये। यह एक एकड़ खेत के लिए एक बार मे उपयोग करने हेतु पर्याप्त है।
इसी प्रकार 500 किलो गीले कचरे को 500 लीटर साफ पानी के टैंक में एक माह तक रख दीजिए, उस पानी मे नाईट्रोजन आ जायेगा,उस पानी को एयर टाइट डब्बे में बन्द कर के रख दिजीये।यह लिक्विड नाइट्रोजन हो जाएगा।
इसी प्रकार के ज्ञान की जानकारी बेबीनार में देकर किसानों को सक्षम, सफल व समृद्ध होने का मार्ग प्रशस्त किया।
बेबीनार में देश के प्रतिष्टित कृषि विशेषज्ञ डॉ अजय सिंह ने बेबीनार में सहभागिता के साथ अच्छा कार्य कर रहे किसानों को प्रोत्साहित करने हेतु मंत्रालय की योजनाओं से आच्छादित कराने की बात कही और किसानों को बेहतर परफार्म करने हेतु भुज, कच्छ अन्य विषम परिस्थितियों वाले क्षेत्र के किसानों द्वारा असम्भव को सम्भव कर दिखाने वाले किसानों की सक्सेज स्टोरी भी बतायी।
बेबीनार के सफल व प्रभावशाली संचालन में चेतन ब्यास जी सहित दर्जन भी विशेषज्ञों के साथ देवरिया जनपद उत्तर प्रदेश से शिवम सेवा संस्थान के प्रबंधक/सचिव मृत्युंजय प्रसाद गुप्त विशारद सहित सैकड़ों किसानों ने प्रतिभाग किया।
आकाश चौरसिया जी ने बताया कि अगले बेबीनरो में अन्य विषयों पर चर्चा होगी

🛑रिपोर्ट मृत्युंजय गुप्त, विशारद