महिलाएं दिल से सक्रिय हुई तो घर घर होगी अध्यात्म की बातें – स्नेहलाता व्याहु

✍️ANA/S.K.Verma

🟥पटना। बिहार के विभिन्न जिलों में आध्यात्मिक प्रसार योजना के तहत “आध्यात्मिक पाठशाला” की स्थापना की जायेगी, जिसमें हर जाति, धर्म, संप्रदाय से जुड़े लोगों को विशेषज्ञों द्वारा आध्यात्मिक ज्ञान का पाठ पढ़ाया जायेगा। उक्त बातें, राजेन्द्र नगर के रोड नम्बर 12 स्थित ” चारमीनार अपार्टमेंट में समाज सेविका स्नेहलता व्याहुत के संयोजकत्व में आयोजित महिलाओं की एक विशेष बैठक में अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक केन्द्र के संस्थापक महर्षि अरविन्द ने कही। आगे

उन्होंने कहा आजकल संयुक्त परिवार का चलन समाप्त हो रहा है। हर लोग एकल परिवार को अपना रहे हैं, जिसका कुप्रभाव घर, परिवार और समाज पर पड़ रहा है। बड़े बुजुर्गों को मिलने वाला सम्मान नहीं मिल रहा है। आज जरुरत है बच्चों को आध्यात्मिक ज्ञान देने की। महर्षि अरविन्द ने कहा आने वाले दिनों में बाध्य होकर सरकार भी “आध्यात्मिक पाठशाला” खोलेगी। केन्द्र से लोगों को जोड़ने का अभियान भी चला जायेगा। समाज सेविका व योग प्रशिक्षिका स्नेहलता व्याहुत ने पाठशाला की उपयोगिता पर विस्तार से चर्चा करते हुए कही अगर महिलाएं दिल से सक्रिय हो गई तो वह दिन दूर नहीं जब घर घर में आध्यात्म की बातें होगी और बच्चे ज्ञानी होंगे, संस्कारी होंगे। बिजय कृष्ण गुप्ता ने कहा पाठशाला के संचालन का भार महिलाओं को ही दिया जाय क्यों कि घर का संचालन अच्छे ढंग से करने का उन्हें अच्छा अनुभव रहता हैं। कविता कुमारी ने कही केन्द्र की महत्ता को जन सम्पर्क के माध्यम से लोगों की जानकारी देने हेतु कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जाय। रीता भदानी ने भी अपने विचार को बैठक में रखते हुए कहा आजकल के बच्चे बूढ़े माता पिता को वृद्धाश्रम में रख रहे हैं, यही चलन उनके बच्चे भी सीख रहे हैं। एक स्वस्थ परिवार के लिए बच्चों को आध्यात्मिक ज्ञान देना बहुत जरुरी हो गया है।