🔺अलीम खाँन की रिर्पोट

अमेठी, खेती में अन्धाधुन्ध रसायनों के प्रयोग के कारण जहां हमारी मिट्टी बीमार होती जा रही है वहीं कृषि उत्पादों की गुणवत्ता खराब हो रही है और उत्पादन में स्थिरता आ गयी है। इसलिए अब जरूरी है कि हम खेती में आधुनिक तकनीकियों के साथ ही प्राकृतिक पद्धतियों को भी अपनाएं। इसके अतिरिक्त रोजगार परक खेती पर भी जोर दें। उक्त बातें आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय, अयोध्या के कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह ने कृषि विज्ञान केन्द्र कठौरा में कृषि विभाग अमेठी द्वारा आयोजित एग्रो क्लाइमेटिक जोन स्तरीय तीन दिवसीय किसान मेला के शुभारंभ पर मुख्य अतिथि के रूप में बतायीं। विभाग द्वारा 27 से 28 दिसंबर तक आयोजित इस किसान मेले में वैज्ञानिक वार्ता के साथ कि कृषि प्रदर्शनी आयोजित की गई। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार प्रोफेसर ए पी रॉव ने खेती को लाभकारी बनाने हेतु समन्वित कृषि प्रणाली अपनाने पर जोर दिया तथा मत्स्य पालन , मधुमक्खी पालन को अपनाने के सुझाव दिया। पूर्वांचल विकास बोर्ड के सदस्य विजय विक्रम सिंह ने पूर्वांचल के सर्वांगीण विकास हेतु सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों के बारे में विस्तार जे बताया। प्रमुख प्रतिनिधि जगदीशपुर राकेश विक्रम सिंह ने किसानों को केन्द्र एवं कृषि विभाग की योजनाओं से जुड़कर अधिक से अधिक लाभ लेने हेतु प्रेरित किया तथा खेती की समस्याओं हेतु वैज्ञानिकों के संपर्क में रहने का सुझाव दिया। जिला पंचायत सदस्य उदय भानु सिंह तथा विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि किसान एकजुट होकर बाजार आधारित खेती करें जिससे उन्हें ज्यादा लाभ हो सके। जिले के उप कृषि निदेशक सतेंद्र चौहान ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा विभागीय योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। जिला कृषि अधिकारी अखिलेश पांडेय ने किसानों को बताया कि जिले में पर्याप्त मात्रा खाद उपलब्ध है तथा उन्हे परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। केंद्र के अध्यक्ष डॉ आर के आनंद ने केंद्र द्वारा कराए जा रहे कार्यक्रमों पर चर्चा किया। कार्यक्रम में ग्राम प्रधान अभिषेख विक्रम सिंह , प्रगति शील कृशल अजय सिंह, अनंत बहादुर सिंह, रीता सिंह, दुर्गा शंकर मिश्रा, आदि ने अपना अनुभव बताया। केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ सुरेन्द्र सिंह, डॉ अशोक सिंह, डॉ ओ पी सिंह तथा विभाग के सभी अधिकारी उपस्थित रहे।