🟥वाराणसी रोहनिया।भारतीय सब्जी अनुसनधान संस्थान शाहंशाहपुर में 15 दिवसीय सर्टिफाइड फार्म सलाहकार मॉड्यूल-II के अन्तर्गत आजीविका और पोषण सुरक्षा के लिए उन्नत सब्जी उत्पादन प्रौद्योगिकी के प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, एवं केरल समेत 7 राज्यों से राज्य सरकार के कृषि अधिकारी, विषय वस्तु विशेषज्ञ, बागवानी अधिकारी और सह निदेशक कृषि इत्यादि के 17 प्रतिभागी शामिल हैं। संस्थान की ओर से सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में विस्तृत ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य सरकार के अधिकारियों के लिए एक व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम की योजना बनाई गयी है। इस प्रशिक्षण में सब्जी

उत्पादन के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया, जिसमें नर्सरी उगाना, उन्नत किस्मों का चयन, इष्टतम उत्पादन पद्धतियां, रोग एवं कीट प्रबंधन, कटाई उपरान्त प्रबंधन, प्रसंस्करण तकनीक और विभिन्न प्रमुख और अल्प दोहित सब्जी फसलों का उपयोग शामिल है। इस प्रशिक्षण का उदघाटन मुख्य अतिथि डॉ. अनिल कुमार त्रिपाठी, निदेशक, विज्ञान संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने किया। सभी अतिथियों का स्वागत संस्थान के निदेशक डॉ. टी.के. बेहेरा ने किया और भारतीय सब्जी अनुसन्धान संस्थान में हो रही शोध गतिविधियों से अवगत कराया। मुख्य अतिथि ने अभिभाषण में बताया कि आने वाले समय में जल की समस्या पे विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सब्जियों के उत्पादन का बुआई से पहले यदि पूर्वानुमान लगाया जा सके तो किसान उपयुक्त फसलों का चयन करके बाजर में होने वाली बहुलता से होने वाले नुकसान को कम कर सकते है। और जिस तरह दूध में सफेद क्रान्ति से किसानों को फायदा पहुचा है उसी तर्ज पर किसानों की मदद के लिये सब्जी क्रान्ति की भी जरुरत है। उन्होंने यह भी बताया कि विज्ञान संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में एन.ए.बी.एल एकृडीटेड लैब की स्थापना की जा रही है जिससे सब्जीयों के निर्यात को बढ़ावा देने का भी कार्य किया जाना है। साथ ही उन्होंने संस्थान के निदेशक महोदय से सहयोगात्मक रुप से दोनों संस्थानों के बीच में शोध कार्य को भी बढ़ावा देने अपील की। इस कार्यक्रम के अंत में डॉ. शुभदीप रॉय, वरिष्ट वैज्ञानिक ने धन्यबाद ज्ञापित किया |