🟣चंदौली

डा विवेक सिंह ने बताया की अमूमन बारिश के मौसम में मौसमी बीमारियां पैर फैलाती है और इन बीमारियों को लेकर स्वास्थ्य अमला सतर्क सावधान रहता है. लेकिन, इस बार देश में हो रही झमाझम बारिश के बीच आई फ्लू का खतरा बढ़ गया है.अचानक लोग आई फ्लू का शिकार हो रहे हैं. बीते एक हफ्ते में मरीजों की संख्या बढ़ी है

क्या है आई फ्लू या कंजनटिन वायटिस?
आई फ्लू या कंजनटिन वायटिस तेजी से फैलने वाली बीमारी है और वायरस डिसीज है. डॉक्टरों के मुताबिक प्रभावित मरीज के मामूली संपर्क में आने के बाद ही ये बीमारी दूसरे व्यक्ति को अपनी गिरफ्त में ले लेती है और बहुत तेजी से लोगों के बीच अपना असर दिखाती.
डॉक्टरों ने दी सलाह
इस बीच बच्चों में तेजी से फैलते आई फ्लू को लेकर डॉक्टरों ने सलाह दी है कि आई फ्लू से प्रभावित बच्चों को स्कूल न भेजा जाए. अन्यथा ये बच्चे दूसरे बच्चों को बीमारी फैला सकते हैं. डा विवेक सिंह ने बताया कि प्रभावित लोग घबराएं नहीं बल्कि सावधानी बरतें और उचित इलाज लेकर इस बीमारी से बच सकें.
क्या हैं इसके लक्षण-

आई फ्लू में आंंखें लाल हो जाती हैं।
आंखों से पानी आने लगता है।
तेज जलन होती है।
पलकों पर पीला और चिपचिपा तरल जमा होने लगता है।
आंखों में चुभन होती है और सूजन जाती है
तेज दर्द होता है।
आंखों में खुजली भी होती है।
इंफेक्शन अधिक बढ़ जाने पर आंखों में हेमरेज, किमोसिज हो जाता है पलकों में सूजन आ जाती है।

आई फ्लू से बचाव के उपाय-

– पीड़ित व्यक्ति काला चश्मा पहने
– टीवी या मोबाइल से दूरी बनाएं
– आंखों को बार-बार छूने से बचें
– इन्फेक्शन से बचने के लिए बारिश से बचें
– आंखों को गुनगुने पानी से क्लीन करें
– आंखों को साफ करने के लिए साफ और सूती कपड़े का इस्तेमाल करें
– आई फ्लू के लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें