🛑रिपोर्ट नरेश सैनी

 

🟥मथुरा।पोषण माह के अंतर्गत आज आंगनबाड़ी केन्द्रों पर योग दिवस और अभिभावक बैठक का आयोजन किया गया ।केंद्रों पर छोटे छोटे बच्चों को विभिन्न प्रकार के आसन करना सिखाए गए जिन्हें बच्चे सहजता से कर सकते हैं ।बच्चों ने इसका आनंद उठाया है और बड़ी आनंद और उत्साह के साथ आसन किए। योगासन के बाद उन्हें शारीरिक गतिविधि (PT)भी कराई गई साथ ।बच्चों को योग आसन और शारीरिक प्रशिक्षण के फ़ायदे भी बताया गया ।कार्यकर्ताओं ने बच्चों और केंद्र पर उपस्थित उनकी माताओं को बताया कि मानसिक विकास के साथ साथ शरीर को स्फूर्ति देने के लिए शारीरिक गतिविधियां करना ज़रूरी है ।योग आसन से शरीर के

 

 

साथ साथ मांसपेशियों और हड्डियों का भी व्यायाम होता है और इससे शरीर लचीला बनता है। योगा दिवस के बाद आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अभिभावक बैठक का भी आयोजन किया गया ।इस बैठक में बच्चों की माताओं /अभिभावकों को अपने बच्चों को प्रतिदिन केंद्र पर भेजने के लिए प्रेरित किया गया साथ ही साथ बच्चों को प्रतिदिन नहलाने – धुलाने एवं घर एवं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सामग्री से पौष्टिक भोजन बनाकर बच्चों को खिलाने के संबंध में जानकारी दी गई ।गांवों में अधिकांश महिलाएँ छ: माह के बाद भी बच्चों को लंबे समय तक दूध पिलाती रहती है ।इससे बच्चे की शारीरिक विकास की आवश्यकता के अनुरूप खाद्य पदार्थ नहीं मिल पाता है ।ज़्यादातर बच्चों को वही खाद्य सामग्री दी जाती है जो घर में बड़ों के लिए बनती है इसलिए बच्चे इसे रुचि से नहीं खाते हैं और माता को ऐसा लगता है कि बच्चे को खाना पसंद नहीं है इसलिए वह उन्हें दूध ही पिलाती रहती है कार्यकर्ताओं ने बताया कि बच्चे को उसकी आयु और रुचि के अनुसार खाद्य सामग्री बनाकर दी जाए तभी बच्चे रुचि से खाएँगे ।लंबे समय तक बच्चे को केवल दूध देने से उसकी शारीरिक और मानसिक विकास की आवश्यकताएं पूरी नहीं होती है और बच्चों में खाने की इच्छा कम होती जाती है ।बाद में परिवार वाले यह समस्या बताते हैं कि बच्चे को कोई भी चीज़ पसंद नहीं है तो उसे क्या बनाकर खिलाए? अभिभावकों को जानकारी दी गई छोटे बच्चों के खाद्य सामग्री में थोड़ा सा घी या तेल तथा हरी सब्ज़ी आवश्य मिलाएँ जिससे बच्चों ऊर्जा मिलेगी और पोषण की कमी नहीं होगी ।