🔴अमेठी :यूपी के अमेठी में एक ऐसा नजारा सामने आया हैं जो योगी सरकार के सभी वादों को झुठलाने का कहानी बयां करता हैं जिसने पुलिस-प्रशासन पर सवालिया निशान खड़े कर दिए है यूपी सरकार कानून-व्यवस्था को लेकर सख्त है और योगी सरकार की तरफ से पुलिस अमले को पारदर्शिता बरतने की हिदायत दी भी गई है ।

फिर भी खाकी की कार्यशैली में बदलाव देखने को नही मिल रहा है जिससे ये साफ हो गया है कि सूबे में सत्ता भले ही बदल गई हो,लेकिन कुछ भ्रष्ट पुलिसवाले जस के तस हैं सीएम योगी खाकी को सुधारना चाहते हैं लेकिन कुछ पुलिसवालों को घूस की ऐसी लत लगी है कि छूटने का नाम नहीं ले रही है अब सवाल इस बात का है थानों और चौकियों में तैनात पुलिसकर्मी रिश्वत न मांगे और विभाग में भ्रष्टाचार न हो इसके लिए रोडमैप कैसे तैयार होगा ?

🔻क्या है पूरा मामला

अमेठी के मुसाफिरखाना थाने में एक वर्दीवाले का कथित ऑडियो उस वक्त दुनिया के सामने आया,जब वो रिश्वत की रकम की बात करते हुए मोबाइल में कैद हो गया अमेठी के मुसाफिरखाना थाने में तैनात इस वर्दीवाले पर क्षेत्र की कानून व्यवस्था दुरुस्त करने की जिम्मेदारी है लेकिन इस कथित ऑडियो में तो ये खाकी को दागदार करता दिख रहा है ये ऑडियो मुसाफिरखाना थाने में तैनात दरोगा संकठा प्रसाद मौर्य का बताया जा रहा है।

दरअसल ये मामला चार्टशीट में रिपोर्ट लगाने को लेकर है ऑडियो में सुना जा सकता है कि दरोगा बोल रहे हैं कि जब में फंसने पर 50 हजार दे सकता हूँ और तुम 10 हज़ार नही दे सकते हो ।दारोगा इस बात से बिल्कुल अंजान था कि यह सारा मामला मोबाइल में रिकॉर्ड हो रही है मामला चाहे जो भी लेकिन जनता तमाम समस्याओं के बावजूद इस फैसले से खुश है कि अब भ्र्ष्टाचार पर लगाम लगेगी लेकिन जब तक ऐसे रिश्वतखोर दारोगा और ऐसे तमाम घूसखोर लोग रहेगे तब तक देश की तरक्की और उन्नति होना मुमकिन नही लगता वही दूसरी ओर मीडिया का काम भ्र्ष्टाचार और घूसखोरी जैसे कुकृत्य को उजागर करना है अब यह अमेठी पुलिस की मुखिया पर निर्भर है कि वह अपने विभाग में छिपे घूसखोर चेहरों को बेनाकाब कर उत्तर प्रदेश के सन्त मुख्यमंत्री के सूबे में रामराज्य स्थापित करने में मदद करते है या फिर आँखों में पट्टी बांध विभागीय भ्र्ष्टाचार पर मौन की मुद्रा धारण कर लेते है।