✍️वकील अहमद सिद्दीकी

🛑बस्ती, बनकटी…….मुहर्रम मातम मनाने और धर्म की रक्षा करने वाले हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद करने का दिन है। मुहर्रम के महीने में मुसलमान शोक मनाते हैं और अपनी हर खुशी का त्‍याग कर देते हैं। हुसैन का मकसद खुद को मिटाकर भी इस्‍लाम और इंसानियत को जिंदा रखना था। यह धर्म युद्ध इतिहास के पन्‍नों पर हमेशा-हमेशा के लिए दर्ज हो गया। मुहर्रम कोई त्‍योहार नहीं बल्‍कि यह वह दिन है जो अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है।
बताया जाता है कि यजीद जब शासक बना तो उसमें तमाम तरह के अवगुण मौजूद थे। वह चाहता था कि इमाम हुसैन उसके गद्दी पर बैठने की पुष्टि करें, लेकिन हजरत मुहम्मद के वारिसों ने उसे इस्लामी शासक मानने से साफ इनकार कर दिया था। ऐसे में इमाम हुसैन हमेशा के लिए मदीना छोड़कर अपने परिवार व कुछ चाहने वालों के साथ इराक जा रहे थे। इस्‍लाम की मान्‍यताओं के अनुसार हजरत इमाम हुसैन अपने परिवार और साथियों के साथ दो मोहर्रम को कर्बला पहुंचे थे। यजीद अपने सैन्य बल के दम पर हजरत इमाम हुसैन और उनके काफिले पर जुल्म कर रहा था। उस काफिले में उनके परिवार सहित कुल 72 लोग शामिल थे। यजीद ने उन सबके लिए 7 मुहर्रम को पानी बंद कर दिया था। नौवें मोहर्रम की रात हुसैन ने अपने साथियों से कहा कि, ‘यजीद की सेना बड़ी है और उसके पास एक से बढ़कर एक हथियार हैं। ऐसे में बचना मुश्किल दिखाई दे रहा है। मैं तुम्‍हें यहां से चले जाने की इजाजत देता हूं। ‘ लेकिन कोई हुसैन को छोड़कर नहीं गया और मुहर्रम की 10 वीं तारीख को यजीद की सेना ने हुसैन की काफिले पर हमला कर दिया। शाम होते – होते हुसैन और उनका काफिला शहीद हो गया। शहीद होने वालों में उनके छः महीने की उम्र के पुत्र हज़रत अली असग़र भी शामिल थे ।
क्षेत्र के शंकरपुर,बैजी,कथारूआ, बनकटी, भरवलिया,पंखोंबारी, कड़सरी,बघाड़ी, कटौधा, बंडा, कैथौरा, कुरियार, दतुआखोर,भैसैया आदि क्षेत्रों से ताहाजिया आकर कर्बला बर्रोहिया मे दफन होता है।
इस अवसर पर नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि ई० अरविंद पाल मौके पर पहुँचकर कर्बला और मेले का जायजा लिया और उन्होंने कहा यहाँ पर किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए यह भाईचारे का त्यौहार है इसको हम लोगों को मिलजुलकर मनाना चाहिए।
इस अवसर पर नगर अध्यक्ष प्रतिनिधि ई०अरविंद पाल,मंडल अध्यक्ष विवेकानन्द शुक्ला, सभासद मोहम्मद हफीज,कौशल चौधरी, मो०वसीम,श्याम सुंदर चौधरी,अतहर हुसैन उर्फ शाही,लाल हुशैन, शदरे अयूब,अतुल पाल, सुनील पाल, भोला मौर्या,मोहम्मद,के अलावा थानाध्यक्ष जितेंद्र सिंह व लालगंज की पुलिस मुस्तैद रही।