✍️ कैलाश पांडे की रिपोर्ट

🔴हर्रैया बस्ती / हरैया विकासखंड जो सालों से सुर्ख़ियों में बड़े-बड़े घोटालों में नजर तो आ रहा है लेकिन जांच के नाम पर अधिकारियों का भी मोटी कमाई हो जाती है फिर मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है और शिकायतकर्ता थक हार कर अपने घर में बैठ और कर्मचारी फिर उस मोटी रकम को वसूलने के लिए ग्राम पंचायतों में जुट जाते हैं और यह भी कहते हैं कि यदि हम एक साल में 50 लाख से अधिक कमाई करते हैं और जांच हुआ यदि कोई कार्रवाई हमारे ऊपर होती है और दो चार लाख देकर एक हफ्ते में हमारी बहाली हो जाती है इससे हमारा कोई नुकसान नहीं है ।
अब हम बात ऐसे ग्राम विकास अधिकारी की करेंगे जो मृतक आश्रित पर नौकरी कर रहे दयानंद वर्मा जो हरैया ब्लाक में लगभग 3 साल से अधिक कार्यत हैं और इनके पास सबसे अधिक ग्राम पंचायतें भी हैं और यह महोदय जातिवाद की राजनीति खूब करते हैं अभी हाल के विधानसभा चुनाव में हर एक प्रधान और प्रधान प्रतिनिधियों से और खुद ग्राम पंचायतों में जाकर समाजवादी पार्टी के पक्ष में वोट भी मांगे और इनके सभी ग्राम पंचायतों के बूथों पर सपा की ही जीत हुई तब से उनके तेवर और भी बदल चुके हैं कि जब नेता जी हैं तो कोई भी अधिकारी हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता इस समय इनके ग्राम प्रधानों की बात की जाए तो वह काफी परेशान हैं क्योंकि सचिव महोदय द्वारा प्रधानों से पक्के काम के बदले एडवांस कमीशन पूर्व खंड विकास अधिकारी के चार्ज पर तैनात जिला खादी ग्रामोद्योग अजय सिंह को दिला दिए और लाखों रुपया लेकर वह यहां से चले गए वर्तमान में खंड विकास अधिकारी सुरेंद्र प्रसाद सिंह को भी स्वीकृति के नाम पर लाखों की प्रधानों से वसूली कर सचिव महोदय द्वारा दे दिया गया स्वीकृति तो मिल गई कुछ लोग काम भी शुरू कर दिए बाद में पता चला कि इन ग्राम पंचायतों में 60 40 के अनुपात से जो काम होना था उससे कहीं अधिक कमीशन खोरी को लेकर स्वीकृति दे दी गई फिर इनके कामों को डिलीट भी कर दिया गया और प्रधान अब काफी परेशान नजर आ रहे हैं क्योंकि उनके ऊपर कर्ज का भोज काफी बढ़ गया है वही सचिव महोदय जमकर मलाई काट रहे हैं ग्राम पंचायतों में काम कराने के लिए सभी सामग्री तो प्रधान खुद दुकानों से उधार करके लाता है और उस दुकानदार के फार्म पर भुगतान ना करके सचिव महोदय अपने कुछ जाने पहचाने वेंडर की फर्म पर लगाकर खुद पैसा वसूल लेते हैं नाम ना छापने की शर्त पर इनके एक प्रधान ने बताया की भुगतान करा लेने के बाद जब हम दुकानदारों को पैसा देने के लिए मांगते हैं तो रोज नए बहाने करके कभी 5000 कभी 10000 इस तरह से थोड़ा बहुत दे देते हैं और अपना कमीशन काटने के बाद यदि पैसा बचता है तो अगले काम के लिए एडवांस कमीशन नाम पर रख लेते हैं आखिर कब तक चलेगा यह भ्रष्टाचार और सरकार को बदनाम कर रहे हैं ऐसे ग्राम विकास अधिकारी।
अब जांच का विषय यह है कि इस भ्रष्ट ग्राम विकास अधिकारी के ऊपर कोई कार्रवाई किया जाता है या नहीं।
आगे की खबरों में इनके द्वारा एक एक भुगतान और हर एक काम की पड़ताल हमारी टीम द्वारा करके प्रकाशित की जाएगी।