डॉ शशि कांत सुमन
पटना । पंचायत चुनाव समय पर नहीं होने के कारण बिहार विधान परिषद के 24 सदस्यों का कार्यकाल 16 जुलाई को समाप्त हो जाएगा। कल के बाद विधान परिषद में सदस्यों की संख्या 75 से घटकर 51 रह जाएगी। जिन 24 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है । वे स्थानीय निकाय से निर्वाचित होकर विधान परिषद पहुंचे थे। अब ये पद तब तक खाली रहेंगे जब तक बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नहीं हो जाता। अब 17 जुलाई से दलगत संख्या भी बदल जाएगी। सदन में सबसे ज्यादा भाजपा की संख्या पर असर पड़ेगा। जिन विधान परिषद सदस्यों (एमएलसी) का कार्यकाल 16 जुलाई को खत्म होने जा रहा है। उनमें रजनीश कुमार, सच्चिदानंद राय, रीना यादव, राधाचरण साह, टुन्ना जी पांडेय, संतोष कुमार सिंह, मनोरमा देवी, राजन कुमार सिंह, बबलू गुप्ता, सलमान रागिब, सुबोध कुमार, दिनेश प्रसाद सिंह, हरिनारायण चौधरी, दिलीप जायसवाल, अशोक अग्रवाल, संजय प्रसाद शामिल हैं। इनके अलावा नूतन सिंह, सुमन कुमार, आदित्य नारायण पांडेय एवं राजेश राम का कार्यकाल भी 16 जुलाई को खत्म हो रहा है। बता दें कि 24 सदस्यों में से चार पद पहले से खाली हैं। इनमें एक का निधन हो चुका है । जबकि अन्य तीन एमएलसी विधायक बन चुके हैं। राजद के टिकट पर रीतलाल यादव दानापुर से विधायक हो गए। वहीं सीतामढ़ी से राजद के विधान पार्षद दिलीप राय भी जदयू के विधायक निर्वाचित हो चुके हैं। जदयू के ही एमएलसी मनोज यादव भी विधायक बन चुके हैं। वहीं दरभंगा के भाजपा विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह का निधन कोराेना से हो गया था। जिन विधान पार्षदों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। उनमें सबसे अधिक भाजपा के हैं। स्थानीय निकाय से इस पार्टी के 12 प्रतिनिधि हैं। विधान परिषद में भाजपा के कुल 26 एमएलसी हैं। जो घटकर अब 14 रह जाएंगे। वहीं जदयू जेडीयू के 29 विधान पार्षद हैं, उनमें से छह घटकर 23 रह जाएंगे। कांग्रेस के एक और राजद के भी एक एमएलसी की संख्या कम होगी।