🛑उमानाथ यादव

⭕अमेठी, 10 फरवरी 2024
जनपद में सर्वजन दवा सेवन(आईडीए) अभियान शनिवार को शुरू हुआ । इसी क्रम में अभियान का शुभारंभ जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश अग्रहरी ने जिला चिकित्सालय गौरीगंज में स्वयं दवा खाकर किया ।

इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अंशुमान सिंह, नोडल अधिकारी डा. राम प्रसाद, जिला मलेरिया अधिकारी शेषधर द्विवेदी, उप जिला मलेरिया अधिकारी सुशील कुमार, विनोद कुमार सोनी व प्रदीप मिश्रा मलेरिया निरीक्षक, विनीत कुमार मौर्य जिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता तथा स्वास्थ्य विभाग के सदस्यों, स्वयंसेवी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च(सीफॉर), पाथ, और पीसीआई के जनपद प्रतिनिधियों, जिला चिकित्सालय के स्टाफ और नर्सिंग की 50 छात्राओं ने भी फाइलेरियारोधी दवा का सेवन किया ।

इस मौके जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि हम सभी को विभाग द्वारा चलाए जा रहे फाइलेरिया उन्मूलन के इस अभियान में सहयोग करते हुए फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करना चाहिए | जिससे कि फाइलेरिया बीमारी हमारे जनपद से पूरी तरह से खत्म हो जाए |

इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि आईडीए अभियान के तहत लगातार तीन साल तक साल में एक बार फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करने से इस बीमारी से बचा जा सकता है | आईडीए अभियान के तहत तीन दवाएं आइवरमेक्टिन, डाईइथाईल कार्बामजीन(डीईसी) और एल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी | यह दवाएं एक वर्ष से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारी से पीड़ित को छोड़कर सभी को खानी है | इस बात का विशेष ध्यान रखेँ कि दवा खाली पेट नहीं खानी है

और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के सामने ही खानी है और यदि उस समय किसी कारण से फाइलेरियारोधी दवा नहीं खा पाए हैं तो बाद में आशा कार्यकर्ता से माँगकर फाइलेरियारोधी दवा खा सकते हैं |
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. राम प्रसाद ने बताया कि यह दवाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं और उच्च गुणवत्ता की हैं | इन दवाओं के सेवन का दुष्प्रभाव उन व्यक्तियों में दिखाई देता है जिनमें फाइलेरिया के परीजीवी होते हैं | जब ऐसे व्यक्ति फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करते हैं तो फाइलेरिया परीजीवियों के मरने के कारण

उन्हें उल्टी आना, चक्कर आने, जी मितलाना, शरीर में चकत्ते पड़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं | यह समस्याएं स्वतः ही ठीक हो जाती हैं | परंतु ऐसी किसी भी परिस्थिति के लिए प्रशिक्षित रैपिड रिस्पॉन्स टीम (आरआरटी) भी बनाई गई है। आवश्यकता पड़ने पर आरआरटी और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आर.बी.एस.के.) टीम को उपचार के लिए आशा कार्यकर्ता के माध्यम से बुलाया जा सकता है।

आईडीए अभियान के तहत लगभग 22.16 लाख जनसंख्या को फाइलेरियारोधी दवा खिलाने का लक्ष्य है | जिसके लिए 1783 टीम बनाई गई हैं | एक दिन में एक टीम कम से कम 25 घरों का भ्रमण कर लाभार्थियों को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कराएगी | इन टीमों के पर्यवेक्षण के लिए 304 सुपरवाइजर नियुक्त किए गए हैं |
लक्षण और उपाय

• पांच से 15 साल में हाइड्रोसील, हाथ-पैर व स्तन में सूजन आदि
• अभियान के दौरान दवा का सेवन जरूर करें
• गंदगी और मच्छर से दूर रहें और पूरी बांह का कपड़ा पहनें
• मच्छर से बचने के लिए मच्छरदानी का उपयोग दिन में भी करें