अविनाश जायसवाल 9918214226

➡️अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने सुनाया फैसला , क्रासकेस के पांच आरोपी भी हुए दोषमुक्त

🔴संत कबीर नगर । प्राणघातक हमले के तीन सगे भाई समेत चार आरोपियों को अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश प्रमोद कुमार तृतीय की कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करने का फैसला दिया । आरोपी जोखन , बालाजी , सुग्रीव एवं दीपक कुमार पर गोलबंद होकर लाठी डंडा से मारकर प्राणघातक हमला करने का आरोप लगाया गया था ।

मामला धनघटा थानाक्षेत्र के ग्राम मकदूमपुर का है । बचाव पक्ष के अधिवक्ता प्रकाश नरायन सिंह ने बताया कि प्रकरण में विन्दू यादव पुत्र लालमन ने अभियोग पंजीकृत कराया था । वादी का आरोप था कि जोखन , बालाजी , एवं सुग्रीव पुत्र रामधनी से रास्ते का विवाद चल रहा है । मेरे बड़े भाई बद्री यादव ने विवाद के संबंध में एक प्रार्थना पत्र 10 दिन पहले दिया था ।

मौके पर तत्कालीन दरोगा समस्या देखने आए थे । उन्होंने आश्वासन दिया था कि रास्ता खुलवा देंगे । लेकिन आज तक समाधान नहीं हो सका । आज दिनांक 29 मार्च 2015 सांय पांच बजे हम प्रार्थी उसी रास्ते से जा रहे थे । उसी समय जोखन , बालाजी पुत्रगण रामधनी , अशोक पुत्र अशर्फी , दीपक पुत्र सुग्रीव आदि एवं उनके घर की कुछ महिलाएं लाठी डंडा से मारने पीटने लगे ।

शोर पर वादी का लड़का जयकान्त एवं भतीजा सुनील बीच बचाव के लिए आए । उपरोक्त लोगों ने उन्हें मारपीट कर घायल कर दिया ।जिससे वह बेहोश और मरणासन्न हो गए ।

पुलिस ने विवेचना के पश्चात अशोक पुत्र अशर्फी का नाम निकालते हुए आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया । अभियोजन की तरफ से छः साक्षी न्यायालय में प्रस्तुत किए गए । अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश प्रमोद कुमार तृतीय ने पक्षों की बहस सुनने एवं पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने के पश्चात आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया ।

इसी मामले के क्रासकेस में कोर्ट ने पांच आरोपियों को भी साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त किया । वादी बालाजी पुत्र रामधनी के अधिवक्ता काजी मुनीर एडवोकेट ने बताया कि प्रकरण में मुकदमा अंकित कराया था । वादी का आरोप था कि गांव के बिन्दू यादव पुत्र लालमन , श्रीकांत , जयकांत , रमाकांत पुत्रगण बिन्दू , सुनील पुत्र बद्री , यादवेन्द्र व मानवेंद्र पुत्रगण अनिरुद्ध ने लाठी डंडा लेकर दरवाजे पर चढ़ आए ।

बिन्दू आदि प्रार्थी के भाई सुग्रीव प्रसाद , भतीजा दीपक , भाभी रसीला देवी को घर में घुस कर मारे । दीपक के ऊंगली की हड्डी टूट गई थी । पुलिस ने विवेचना में रमाकांत और मानवेन्द्र का नाम निकालते हुए आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया था ।

अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश प्रमोद कुमार तृतीय की कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में आरोपियों को दोषमुक्त करने का फैसला दिया ।