🟥रिपोर्ट नरेश सैनी
रिपोर्ट करता अपर अपर जिला विकास अधिकारी हटाए गए
न गिरफ्तारी ना , निलंबन, सबूत से छेड़छाड़ की पूरी छूट
🟥मथुरा। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार भले ही ईमानदार और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने की कितनी ही दावेदारी करें लेकिन भ्रष्टाचारी इस सरकार में भी पूरी तरह मजबूत और प्रभावशाली बने हुए हैं, बात करते हैं हम जनपद मथुरा की ब्लॉक बलदेव के एक ग्राम पंचायत सचिव की पद भले ही छोटा है । लेकिन विभागीय आकाओं और राजनीतिक संरक्षण के चलते ढाई करोड़ के गवन का आरोपी रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद भी सुरक्षित घूम रहा है पंचायत सचिव ने अपने प्रभाव के चलते रिपोर्ट करता तत्कालीन अपर जिला पंचायत राज अधिकारी को स्थानांतरित कराकर अपनी मजबूत पकड़ का एहसास करा दिया है।
जानकारी के अनुसार अपर जिला पंचायत राज अधिकारी गिरीश कुमार ने जांच के उपरांत थाना बलदेव पर अपराध संख्या 0291 / 2023 धारा 409 आईपीसी के तहत 27 जुलाई को दर्ज कराई थी। जिसमें सुरेश कुमार ग्राम पंचायत अधिकारी विकास खंड बलदेव पर आरोप लगाया ग्राम पंचायत नरौली जुन्नारदार, सरकंडा खेड़ा, जगदीशपुर, रावल बांगर, नवीपुर, जुगसना और रदोई में 2 करोड़ 35 लाख 70 हजार 825 रुपए के सरकारी धन के गवन का आरोप लगाते हुए दर्ज कराई है।
दर्ज कराई रिपोर्ट में ग्राम पंचायत अधिकारी सुरेश कुमार पर अभिलेख, पासबुक, बैंक स्टेटमेंट, प्राक्कलन, एम बी पुस्तिका, गार्ड फाइल, खर्च के बाबूचर, निर्माण कार्य रजिस्टर और कार्य योजना उपलब्ध नहीं करने के आरोप भी तहरीर में लगाए गए हैं।
संबंधित आरोपी पंचायत सचिव सुरेश कुमार के बारे में बताया जाता है वह मृतक आश्रित में नौकरी पर लगे हैं। वह विभागीय आला अधिकारियों के चहते बने हुए हैं। इसके अलावा उन पर राजनीतिक आकाओं का भी भरपूर संरक्षण मिला हुआ है। इसी के चलते अपने विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करने वाले अपर जिला पंचायत राज अधिकारी गिरीश कुमार को मथुरा में से स्थानांतरण करने में सफल हो गए। इतना ही नहीं उनके प्रभाव के चलते जिस सरकारी कर्मचारी अधिकारी के विरुद्ध कोई आपराधिक मामला दर्ज होता है, तो उसे विभागीय कार्रवाई करते हुए निलंबित किया जाना अनिवार्य बताया जाता है। 50 दिन पूर्व नामजद रिपोर्ट के बावजूद आज तक ना तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर पाई है, और ना ही विभागीय अधिकारी निलंबित कर पाए हैं। यह पूरे विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है, सूत्रों की माने तो आरोपी ग्राम पंचायत अधिकारी सुरेश कुमार मुकदमे से संबंधित साक्ष के साथ भी छेड़छाड़ भी कर रहे हैं यहां प्रश्न यह उठता है, क्या 2 करोड रुपए से अधिक के सरकारी धन के गवन के आरोपी के विरुद्ध शासन और प्रशासन में बैठे आला अधिकारी कार्रवाई कर पाएंगे ,यह प्रश्न समय के गर्भ में है?