🟥बस्ती
कहते हैं कि दिन की अहमियत को समझने के लिए रात का एहसास जरूरी है l ठीक इसी तरह आजादी का महत्व समझने के लिए गुलामी कि गाथाओं के पुराने पन्नों को पलटना ज़रूरी है l हम ऐसी नस्ल हैँ जिसने ग़ुलाम भारत नही देखा इसलिए हम सबके लिए आज़ादी का महत्व समझना थोड़ा कठिन है l
देश को आजाद करने के लिए लाखों वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी l यह लाइन कहना और इसे महसूस करना दोनों अलग-अलग चीज है l देश को आजाद करने के लिए हर जाति, धर्म, रंग, नस्ल के लोगों ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया l
हम किस्मत के बहुत धनी है जो आजाद भारत में सांस ले रहे हैं l और हर वर्ष 15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता का पर्व मनाना अपनी जिम्मेदारी समझते हैं l जबकि यह दिन हमारी रूढ़िवादी सोच को त्याग कर एक नया संकल्प लेने का दिन होता है l
हमें अपने वीरों की गाथाओं को सुनकर उनके कर्मठ विचारों को और उनके द्वारा देखे गए सपनों को साकार करने का हर संभव प्रयास करना चाहिए l हमें वीरों की गाथाओं को अपने बच्चों से साझा करना चाहिए l हमें अपने पाल्यों को शिक्षा स्वास्थ्य व अन्य समस्याओं से जूझने के लिए तैयार करना होगा l क्योंकि स्वतंत्र भारत की सबसे बड़ी धरोहर है शिक्षित नागरिक, हमारे जैसे सभी शैक्षणिक संस्थानों को इस तरीके के प्रयास करने चाहिए l
रेलवे स्टेशन स्थित सनराइज स्कूल में स्वतंत्रता दिवस पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया l
इस अवसर पर छात्र एवं छात्राओं ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया l छोटे बच्चों ने महात्मा गांधी, चंद्रशेखर आजाद, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरोजिनी नायडू, भारत माता जैसे किरदारों की की वेशभूषा में तैयार होकर डायलॉग के माध्यम से कार्यक्रम में चार चांद लगाया l
आजादी के परवानों की तरह गाना एवं नृत्य के माध्यम से कार्यक्रम को पूर्ण रूप दिया l